एमपी सरकार की कॉस्ट कटिंग? संविदाकर्मियों की सैलरी में कटौती, 10 हजार कर्मचारियों ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा - Madhya Pradesh Govt Cost Cutting
संविदाकर्मियों की सैलरी में कटौती की जा रही है, वित्त विभाग ने संविदा कर्मियों के ग्रेड पे में कटौती कर दी है. जिससे 10 हजार संविदा कर्मचारियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं सवाल ये भी उठने लगे हैं कि क्या मध्यप्रदेश सरकार कॉस्ट कटिंग मोड में आ चुकी है?
भोपाल : एमपी में वित्त विभाग ने संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के लिए सीपीआई इंडेक्स घोषित किया है. इसके तहत संविदा कर्मचारियों के वेतन में 700 रु से लेकर 2500 रु तक की बढ़ोत्तरी होनी थी. लेकिन इस बीच वित्त विभाग ने संविदा कर्मचारियों के ग्रेड में कटौती कर दी. जिससे उन्हें फायदा की बजाय करीब 500 से लेकर 2500 रु तक का नुकसान हो रहा है. इसे लेकर संविदा कर्मचारियों में काफी नाराजगी है और 10 हजार से अधिक कर्मचारियों ने इस मामले में हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई है.
संविदाकर्मियों की सैलरी में कटौती (Etv Bharat)
सरकार को ड्राफ्ट सौंपेगा संविदा कर्मचारी संघ
मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी-अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा, '' मध्यप्रदेश शासन ने 22 जुलाई 2023 को एक संविदा नीति जारी की. जिसके बाद जीएडी और वित्त विभाग ने सभी सरकारी विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. लेकिन इसमें वित्त विभाग ने कई पदों पर काम कर रहे संविदा कर्मचारियों का ग्रेड पे कम कर दिया. इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश संविदा कर्मचरी अधिकारी संघ संभाग स्तर पर संविदाकर्मियों की बैठक का आयोजन कर रहा है. जिसमें ऐसे कर्मचरियों की जानकारी एकत्रित की जा रही है, जिनका ग्रेड पे कम किया गया है. इसकी विस्तृत सूची तैयार कर संघ एक ड्राफ्ट बनाएगी, जिसे राज्य सरकार को सौंपा जाएगा.''
CPI इंडेक्स की दर से संतुष्ट नहीं संविदाकर्मी
वित्त विभाग ने संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के लिए सीपीआई इंडेक्स घोषित किया है. इसके तहत संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में 3.87 फीसदी की वृद्धि की गई है. इस फैसले के बाद कर्मचारियों और अधिकारियों की सैलरी में 785 से 2535 रुपए तक प्रति माह फायदा होना था. संविदा कर्मचारियों का कहना है कि केन्द्र सरकार ने सीपीआई का 5.39 फीसदी दिया है तो फिर राज्य सरकार ने 3.87 प्रतिशत क्यों दिया है. वहीं कई विभागों में संविदा कर्मचारियों का ग्रेड पे ही कम कर दिया गया.
इन विभाग के कर्मचारियों का ग्रेड पे किया कम
पंचायत ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा 1. डाटा एन्ट्री ऑपरेटर का ग्रेड पे 2400 था, जो अब 1900 कर दिया है. 2. सहायक ग्रेड-1 का ग्रेड पे पहले 2400 था, जो अब 1900 कर दिया है. 3. सहायक ग्रेड-2 का का ग्रेड पे 2400 की जगह 1900 कर दिया गया है. 4. कार्यालय सहायक का ग्रेड पे पहले 2400 था, जिसे 1900 कर दिया है. 5. सिस्टम एनालिस्ट का ग्रेड पे 5400 था, जिसे अब 4200 कर दिया है. 6. परियोजना अधिकारी/ऑडिट अधिकारी/प्रोग्रामर/ लेखाधिकारी का ग्रेड पे 5400 से 4200 कर दिया है.
प्रधान मंत्री आवास योजना प्रथम नियुक्ति वॉटरशेड में परियोजना अधिकारी के पद पर ग्रेड पे 8000-13500 में था लेकिन 2017 में प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण में पद नाम बदल कर विकासखंड समन्वयक कर दिया गया और वेतनमान 9300-3200 कर दिया गया है.
खेल एवं युवा कल्याण विभाग 1. सुरक्षाकर्मी का 1900 का पे स्केल था, उन्हें चौकीदार के बराबर 1400 का पे कर दिया गया है. जबकि 5 जून 2018 की नीति के अनुसार 90 प्रतिशत करते समय उन्हें तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के बराबर 1900 ग्रेड पे दिया जा रहा था. 2. ग्राउंडमन का भी 1900 का पे स्केल है, वर्तमान में उन्हें 1800 का पे स्केल दिया जा रहा है. 3. सहायक ग्रंथपाल 2400 का पे स्केल, लेकिन वर्तमान में उनका 1900 का पे स्केल कर दिया जा रहा है. 4. बुक लिफ्टर 1900 का पे स्केल, वर्तमान में उन्हें 1400 का पे स्केल चतुर्थ श्रेणी का पे स्केल कर दिया जा रहा. 5. कंप्यूटर ऑपरेटर 2400 का पे स्केल वर्तमान में उन्हें 1900 का पे स्केल दिया जा रहा है.
नेशनल हेल्थ मिशन 1. डाटा इंट्री ऑपरेटर का वेतनमान 1900 दिया जा रहा, जबकि 2400 होना था. 2. बीपीएम को ग्रेड पे 2400 दिया जा रहा, जबकि 3600 देना था. 3. आयुष मेडिकल आफिसर का ग्रेड पे 3600 दिया जा रहा है.
4. सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर को 2400 दिया जा रहा, जबकि 3200 दिया जाना था. 5. राज्य स्तरीय तकनीकी सहायक को 1900 ग्रेड पे दिया जा रहा है, जबकि किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग में 3600 ग्रेड पे दिया गया है. 6. डीपीएम का ग्रेड पे 4200 दिया गया है, जबकि 5400 दिया जाना था. 7. जिला स्तरीय सभी पद 3600 ग्रेड पे दिया जा रहा, जबकि 4200 दिया जाना था. 8. आरबीएस के डाक्टर को 3600ग्रेड पे दिया गया है, जबकि 5400 पे वेतन दिया जाना था. 9. बीसीएम का ग्रेड पे 2100 दिया है, जबकि 3600 दिया जाना था. 10. टीबी हेल्थ वर्कर को ग्रेड पे 1900 दिया गया है, जबकि उनका 2400 दिया जाना था. 11. लैब टेक्नीशियन को ग्रेड पे 2400 दिया जा रहा है, जबकि 2800 दिया जाना था. 12. राज्य तकनीकी अधिकारी को 3600ग्रेड पे दिया जा रहा है, जबकि 5400 दिया जाना चाहिए.