रतलाम: (दिव्यराज सिंह राठौर) जिले के कुंडाल कोटेश्वर डैम से एक दर्जन गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलने लगा है. यह पानी किसी नहर के माध्यम से नहीं बल्कि नल कनेक्शन की तरह बकायदा खेत से खेत तक पाइप लाइन बिछाकर सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है. जिससे पानी की बचत भी हो रही है और किसानों को पर्याप्त प्रेशर के साथ बिना बिजली या मोटर के पानी भी मिल रहा है.
पाइप लाइन बिछाकर खेतों तक पहुंचाया गया पानी
दरअसल, रतलाम ग्रामीण क्षेत्र में बने कुंडाल कोटेश्वर डैम के तैयार होने के बाद सिंचाई विभाग ने सिंचाई के लिए पारंपरिक नहर पद्धति को नहीं अपनाते हुए पाइप लाइन के माध्यम से दर्जनभर से अधिक गांवों तक डैम का पानी पहुंचाया है. इसकी खासियत यह है कि बिना अतिरिक्त पानी पर्याप्त प्रेशर के साथ किसानों के खेत तक पहुंच रहा है. किसान बिना बिजली खर्च किए और मोटर स्प्रिंकलर और माइक्रो इरिगेशन सिस्टम लगाकर अपनी फसल की सिंचाई कर रहे हैं.
100 रुपये प्रति बीघा की दर से मिलता है पानी
पिपलोदी गांव के किसान कमलेश पाटीदार, कन्हैया बंजारा और महेश पाटीदार बताते हैं कि इससे उनके क्षेत्र में सभी किसान गर्मियों में भी फसल की पैदावार कर रहे हैं. वहीं, महज 100 रुपए प्रति बीघा की दर से उन्हें 4 माह के लिए पानी मिल जाता है. गर्मियों के सीजन में आवश्यकता पड़ने पर किसान अतिरिक्त पानी भी शुल्क जमा कर ले पाते हैं. महेश पाटीदार ने बताया कि "4 साल पहले ऐसे हालात नहीं थे. लेकिन अब उनके पूरे क्षेत्र में उद्यानिकी और फलोद्यान लग गए हैं. पानी की कोई कमी नहीं है वाटर लेवल भी बढ़ गया है."
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दस हजार हेक्टेयर पर गर्मियों में भी रही खेती
सिंचाई के लिए पानी देने की आधुनिक तकनीक के माध्यम से सिंचाई विभाग करीब 2000 किसानों को लाभान्वित कर रहा है. जिससे करीब 10,000 हेक्टेयर जमीन पर किसान गर्मियों में भी फसलों की बुवाई कर पा रहे हैं. बहरहाल एक डैम के बनने और सिंचाई की आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की वजह से अधिक संख्या में किसानों के जीवन में खुशहाली आई है और एक बड़े क्षेत्र सिंचाई का रकबा जिले में बढ़ गया है.