ग्वालियर: नगर निगम के मुख्यालय में कर्मचारियों की लापरवाही ने दस्तावेजों को खाक कर दिया है. निगम मुख्यालय के श्रम संबल योजना के कार्यालय में शुक्रवार को अचानक आग लग गई. लापरवाही इसलिए क्योंकि कहने को इस कार्यालय में 8 कर्मचारी थे, लेकिन घटना के समय चपरासी से लेकर अधिकारी तक कोई भी मौजूद नहीं था.
आग में जले कई दस्तावेज
आग की सूचना पर घटनास्थल पर पहुंची दो फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद करीब आधे घंटे में आग पर काबू पाया. जिसकी जानकारी देते हुए फायर ब्रिगेड ऑफिसर और नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर अतिबल सिंह यादव ने बताया, "जैसे ही सूचना मिली तो हम तुरंत ही घटना स्थल पर पहुंच गए थे, लेकिन कार्यालय के अंदर धुआं भरा हुआ था. किसी तरह अंदर घुसकर खिड़कियां तोड़ी और धुंआ बाहर निकाला. इसके बाद फायर एक्सटेंग्विशर की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन आग तब तक बढ़ चुकी थी, तो दो फायर ब्रिगेड की मदद से आग को बुझाया गया, लेकिन तब तक कागजात जल चुके थे."
कार्यालय समय में गेट लगाकर नदारद थे कर्मचारी
फायर ऑफिसर ने बताया कि "जिस समय आग लगी उस समय कार्यालय समय होने के बावजूद कोई कर्मचारी वहां मौजूद नहीं था. जब उनसे पूछा गया तो सभी के अलग अलग जवाब थे. कोई भोजन करने गया था, तो कोई पांच मिनट पहले ही जाने की बात कह रहा था. अगर कोई कर्मचारी पहले से वहां मौजूद होता तो शायद आग बढ़ती ही नहीं. ये एक बड़ी लापरवाही का उदाहरण है."
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आग लगी या लगायी गई?
अतिबल सिंह यादव ने बताया कि "आग की घटना में कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन कार्यालय में रखे दस्तावेज जरूर जल गये हैं. हालांकि, कर्मचारियों द्वारा वे सभी कागजात व्यर्थ बताए गए हैं. इस सब के बावजूद घटना स्थल पर एक जलता हुआ टायर भी मिला है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर तो संबल योजना कार्यालय में किसी वाहन का टायर क्या कर रहा था. ऐसे में कहीं न कहीं यह षड्यंत्र के तहत लगायी गई आग प्रतीत हो रही है, जिसकी जांच होनी चाहिए."