भोपाल. मप्र में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानि कैग (CAG) की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. सीएजी ने अपनी 2021 की रिपोर्ट जारी करते हुए मप्र के कई सरकारी विभागों में भारी वित्तीय अनियमितता के आंकड़े जारी किए हैं. CAG की रिपोर्ट के सहारे जहां एक ओर विपक्ष मोहन यादव सरकार को घेर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर सरकार के मंत्री और विधायक इस रिपोर्ट को ही सिरे से खारिज कर रहे हैं.
सामने आईं विभागों की गड़बड़ियां
मप्र विधानसभा (mp vidhansabha) के बजट सत्र में राज्यपाल ने सीएजी की सालाना रिपोर्ट पेश की तो मप्र के सरकारी विभागों में चल रही गड़बड़ी, अनियमितताएं और नियम विरुद्ध फैसले लेने का खेल भी सामने आ गया. सीएजी की रिपोर्ट में PWD, फॉरेस्ट, पर्यावरण और उद्योग विभाग में भारी गड़बड़ियां सामने आईं, जिससे सरकार को हुए नुकसान के बारे में भी बताया गया.
विपक्ष ने सरकार पर लगाए ये आरोप
कैग की इसी रिपोर्ट को हथियार बनाकर विपक्ष मध्यप्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोल रहा है. विपक्ष का आरोप है कि मप्र के सभी विभागों में ऐसे घोटाले हो रहे हैं और अफसर सरकार के दबाव में बेधड़क घोटाले कर रहे हैं. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विभागों की गड़बड़यों का मुद्दा भुनाने की तैयारी में है.