भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी में उपभोक्ता फोरम ने एक मामले में महज 14 रुपये के कैरी बैग के लिए दुकानदार को 15014 रुपये का भुगतान ग्राहक को करने का आदेश दिया है. दरअसल इस फैसले के पीछे की मुख्य वजह यह है कि यदि कोई कंपनी अपनी ब्रांडिंग करते हुए और अपनी ब्रांडिंग से जुड़े हुए लोगों या अन्य कोई डिजाइन लगे हुए कैरी बैग ग्राहक को देता है और उसके बदले में यदि उससे पैसे चार्ज किए जाते हैं तो यह मामला उपभोक्ता के अधिकारों से हनन से जुड़ा हुआ माना जाएगा.
कैरी बैग के 14 रुपये को लेकर कंज्यूमर कोर्ट में मामला
उपभोक्ता फोरम यानि कंज्यूमर कोर्ट में भोपाल के रहने वाले सानिध्य जैन ने साल 2023 में एक मामला लगाया था. जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्होंने कोलार रोड स्थित फर्स्ट क्राई स्टोर से कुछ सामान खरीदा था और जब उन्होंने सामान का भुगतान किया तो उनके पास कैरी बैग नहीं था तो दुकान के बिल में दुकानदार द्वारा कैरी बैग के लिए ₹14 अतिरिक्त जोड़ दिए. जब इसे लेकर उन्होंने दुकानदार से सवाल किया तो दुकानदार ने कहा कि यह कंपनी की पॉलिसी है यदि आप कैरी बैग लेकर नहीं आते हैं और कैरी बैग हमारे द्वारा दिया जाता है तो हम उसका पैसा चार्ज करते हैं.
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14 रुपये के लिए देना पड़ेंगे 15 हजार 14 रुपये
उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष योगेश दत्त और सदस्य प्रतिभा पांडे ने "फर्स्ट क्राई द्वारा ग्राहक को कंपनी के छपे हुए विज्ञापन वाले कैरी बैग को देना और ग्राहक के बिल में कैरी बैग के पैसे जोड़ने की बात ना बताने को गलत और अनुचित माना है. उन्होंने दुकानदार की दलील सुनने के बाद यह कहा कि आपको ग्राहक को बिल में पैसे जोड़ने से पहले बताना चाहिए कि कैरी बैग की कीमत क्या है. आपके द्वारा यह किया गया कार्य अनुचित व्यवहार की श्रेणी में आता है और उन्होंने इस पूरे मामले में ग्राहक को ₹14 के साथ-साथ ग्राहक को होने वाले मानसिक कष्ट के लिए ₹10000 और कोर्ट के खर्चों के लिए ₹5000 यानी कुल 15014 रुपए देने का आदेश दिया है."