इंदौर: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 24 और 25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (GIS) का आकर्षण मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में मौजूद 10000 किलोमीटर का इंडस्ट्रियल मेट्रोपॉलिटन कॉरिडोर रहेगा. जहां तरह-तरह के उद्योग लगाने को लेकर सरकार निवेशकों के लिए रेड कारपेट बिछाने जा रही है. प्रदेश के विभिन्न शहरों में रीजनल इन्वेस्टर समिट आयोजित करने के बाद ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन हो रहा है. इसमें दुनियाभर के कई कॉर्पोरेट घराने और निवेशकों को मध्य प्रदेश के बड़े लैंड बैंक में उद्योग लगाने की पेशकश की जा रही है.
मेट्रोपॉलिटन कॉरिडोर पर विशेष फोकस
इस क्रम में राज्य सरकार का विशेष फोकस प्रदेश के औद्योगिक सेक्टर पीथमपुर, इंदौर, देवास, उज्जैन और धार को मिलाकर तैयार किया जा रहे मेट्रोपॉलिटन कॉरिडोर पर है. जहां करीब 10000 किलोमीटर के परिक्षेत्र में नए सारे से विभिन्न उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है. इंदौर में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने व्यापारियों को प्रतीकात्मक आमंत्रण देने के अवसर पर बताया. ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए अब तक 31000 पंजीयन हो चुके हैं. अभी तक 18000 निवेशकों के प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा "मध्य प्रदेश में उद्योग के लिए फिलहाल जो भी लैंड बैंक और संभावनाएं हैं, उनके लिए 'पहले आओ पहले पाओ' की तर्ज पर पंजीयन और निवेश कंफर्म करने वाले उद्योगों के लिए रहेगी."
पूरा मालवा उद्योग क्षेत्रों से कवर हो जाएगा
मध्य प्रदेश में मेट्रोपॉलिटन सिटी की परिकल्पना के तहत अब 10000 किलोमीटर क्षेत्र में इसका विस्तार किया जा रहा है, जिसमें पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया के साथ इंदौर के इंडस्ट्रियल एरिया को मिलाकर शाजापुर के मक्सी, उज्जैन के घटिया और नागदा, बड़नगर आदि क्षेत्र को मिलाकर पूरा कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है, जहां निवेशकों को उद्योग लगाने का स्वर्णिम अवसर मिलेगा. मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है "बहुत सारी इन्वेस्टर सबमिट इवेंट बनकर रह जाती हैं लेकिन उन्हें सकारात्मक भाव से लेना चाहिए. मध्य प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्रियल कान्क्लेव से कोई फायदा हुआ हो या नहीं लेकिन ऐसे आयोजनों से अधिकारी और जनप्रतिनिधि कम से कम भाषण देना सीख गए."
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एमएसएमई में 52 फीसदी सब्सिडी
इस दौरान कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा "इस बार की ग्लोबल इन्वेस्टर समेत इवेंट नहीं बनेगी, क्योंकि राज्य सरकार उद्योग हितेषी पॉलिसी तैयार करके समिट कर रही है." राज्य सरकार इस बार एमएसएमई में 52 फीसदी सब्सिडी उद्योगों को देने जा रही है. इसमें ढाई करोड़ से ऊपर के निवेश पर सब्सिडी दी जाएगी. मज़दूरों के लिए आवास की भी व्यवस्था की जाएगी. नेमावर में फायर स्टेशन लगवाए जाएंगे. स्टार्टअप पॉलिसी भी बनाई है.