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चंबल नदी गदर मचाने को तैयार, तबाही का रेड अलर्ट, मुरैना कोटा बैराज के 3 गेट खुले - Morena Chambal near danger mark

राजस्थान और देश के ऊपरी हिस्सो में लगातार बारिश होने की वजह से कोटा बैराज के तीन गेट खोल दिए गए हैं. गेट खोले जाने से मुरैना में चंबल नदी का जलस्तर बढ़ गया है. पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. बाढ़ की आशंकाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है.

MORENA CHAMBAL NEAR DANGER MARK
मुरैना में चंबल नदी खतरे के निशान के करीब (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 6, 2024, 4:57 PM IST

Updated : Aug 6, 2024, 5:53 PM IST

मुरैना: राजस्थान और देश के ऊपरी हिस्सों में लगातार बारिश होने से कोटा बैराज में पानी भर गया. जिस वजह से डैम के तीन गेट खोल दिए गए हैं. पानी छोड़े जाने से मुरैना में चंबल नदी खतरे के निशान से बस 5 मीटर नीचे रह गई है. चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. नदी के बढ़े जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने पिनाहट उसैद घाट पर चलने वाले स्टीमरों को बंद करवा दिया है. जिले में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. एसडीआरएफ को अलर्ट पर रखा गया है.

कोटा बैराज के गेट खुलने से चंबल में बढ़ा पानी (ETV Bharat)

कोटा बैराज खोले जाने से चंबल में बढ़ा पानी

राजस्थान के ज्यादातर इलाकों में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इसके अलावा देश के ऊपरी हिस्से में भी बारिश का सिलसिला जारी है. जिसके चलते कोटा में चंबल नदी पर बने कोटा बैराज (बांध) का जल स्तर बढ़ गया है. जिसकी वजह जल संसाधन विभाग ने डैम के 3 गेट खोल दिए. बैराज से 18 हजार क्यूसेक पानी 60 फ्रेम प्रति सेकेण्ड छोड़ा गया. इतनी मात्रा में पानी छोड़े जाने से मुरैना में चंबल नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया. डैम के अलावा चंबल की सहायक नदियों पार्वती, काली और सिंध का पानी भी चंबल में आ रहा है. मुरैना में राजघाट पुल पर चंबल नदी का जलस्तर बढ़कर 132.90 मीटर तक पहुंच गया जो खतरे के निशान से मात्र 5 मीटर कम है. अभी भी चंबल का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.

खतरे के निशान के बेहद करीब (ETV Bharat)

घाट पर बंद हुआ स्टीमर का संचालन

जिले की अम्बाह तहसील क्षेत्र में चंबल नदी में आये तेज उफान के बाद उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर उसेद पिनाहट घाट पर बना शिव मंदिर डूब गया है. बाढ़ को ध्यान में रखते हुए यूपी के प्रशासनिक अधिकारियों ने स्टीमर का संचालन बंद करवा दिया है. उसैद घाट पर चंबल नदी का जलस्तर 120 मीटर पर पहुंच गया है. यह चेतावनी के निशान से 7 मीटर और खतरे के निशान से 10 मीटर नीचे है. चंबल के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं. इसी क्रम में अम्बाह एसडीएम अरविंद माहौर ने उसैद घाट पहुंचकर चंबल नदी के वाटर लेवल का जायजा लिया.

चंबल नदी उफान पर (ETV Bharat)

चंबल में बाढ़ आने से 68 गांव होते है प्रभावित

चंबल नदी में बाढ़ आने की दशा में जिले के टेंटरा थाना क्षेत्र से लेकर चिन्नौनी, देवगढ़, बागचीनी, मुरैना, अंबाह और पाेरसा क्षेत्र के 68 गांव डूब क्षेत्र में आ जाते हैं. चंबल में बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन चार दिन पहले ही लोगों के बीच अलर्ट होने की मुनादी करा चुका है. चम्बल नदी के किनारे बसे गांवों में नदी का पानी भरने से लोगों के साथ-साथ मवेशी भी फंस जाते हैं. इसको देखते हुए कलेक्टर अंकित अस्थाना ने बाढ़ की आशंका में एसडीआरएफ की टीम को रेड अलर्ट पर रखा है.

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सरपंचों और सचिवों को किया गया अलर्ट

जिला पंचायत सीईओ इच्छित गढ़पाले ने जनपद के मुख्य कार्य पालन अधिकारियों से कहा है कि,'वह मुख्यालय नही छोड़ें और बाढ़ प्रभावित गांवों के सरपंचों और सचिवों से संपर्क बनाकर बाढ़ की दशा में राहत कार्य शुरू कराएं. इसके लिए स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन में लोगों को ठहराने और आपातकालीन स्थिति में भोजन कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.' वहीं पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर्स और अधीनस्थ स्टाफ को मवेशियों के इलाज के लिए तैयार रहने को कहा है. एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने चंबल से संबद्ध थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वो बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखें.

Last Updated : Aug 6, 2024, 5:53 PM IST

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