मुरैना: राजस्थान और देश के ऊपरी हिस्सों में लगातार बारिश होने से कोटा बैराज में पानी भर गया. जिस वजह से डैम के तीन गेट खोल दिए गए हैं. पानी छोड़े जाने से मुरैना में चंबल नदी खतरे के निशान से बस 5 मीटर नीचे रह गई है. चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. नदी के बढ़े जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने पिनाहट उसैद घाट पर चलने वाले स्टीमरों को बंद करवा दिया है. जिले में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. एसडीआरएफ को अलर्ट पर रखा गया है.
कोटा बैराज खोले जाने से चंबल में बढ़ा पानी
राजस्थान के ज्यादातर इलाकों में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इसके अलावा देश के ऊपरी हिस्से में भी बारिश का सिलसिला जारी है. जिसके चलते कोटा में चंबल नदी पर बने कोटा बैराज (बांध) का जल स्तर बढ़ गया है. जिसकी वजह जल संसाधन विभाग ने डैम के 3 गेट खोल दिए. बैराज से 18 हजार क्यूसेक पानी 60 फ्रेम प्रति सेकेण्ड छोड़ा गया. इतनी मात्रा में पानी छोड़े जाने से मुरैना में चंबल नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया. डैम के अलावा चंबल की सहायक नदियों पार्वती, काली और सिंध का पानी भी चंबल में आ रहा है. मुरैना में राजघाट पुल पर चंबल नदी का जलस्तर बढ़कर 132.90 मीटर तक पहुंच गया जो खतरे के निशान से मात्र 5 मीटर कम है. अभी भी चंबल का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
घाट पर बंद हुआ स्टीमर का संचालन
जिले की अम्बाह तहसील क्षेत्र में चंबल नदी में आये तेज उफान के बाद उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर उसेद पिनाहट घाट पर बना शिव मंदिर डूब गया है. बाढ़ को ध्यान में रखते हुए यूपी के प्रशासनिक अधिकारियों ने स्टीमर का संचालन बंद करवा दिया है. उसैद घाट पर चंबल नदी का जलस्तर 120 मीटर पर पहुंच गया है. यह चेतावनी के निशान से 7 मीटर और खतरे के निशान से 10 मीटर नीचे है. चंबल के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं. इसी क्रम में अम्बाह एसडीएम अरविंद माहौर ने उसैद घाट पहुंचकर चंबल नदी के वाटर लेवल का जायजा लिया.