भोपाल: नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) और एमपीसीडीएफ यानी मध्य प्रदेश स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन के बीच अनुबंध होने के बाद सांची का नए सिरे से देश और प्रदेश में विस्तार करने की योजना पर काम हो रहा है. जल्द ही मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी सांची पार्लर खोले जाएंगे. जिससे गांव और कस्बे के लोगों तक सांची प्रोडक्ट की पहुंच आसान बनाकर एमपीसीडीएफ का राजस्व बढ़ाया जा सके. सब कुछ ठीक रहा तो एनडीडीबी दूसरे राज्यों में भी सांची प्रोडक्ट के सप्लाई की योजना बना रहा है.
एयरपोर्ट और शापिंग माल में मिलेंगे सांची प्रोडक्ट
एनडीडीबी के सांची की कमान संभालने के बाद से ही एमपीसीडीएफ का बिजनेस बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहा है. अब सांची प्रोडक्ट को पार्लरों से निकालकर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और शापिंग मॉल तक पहुंचाया जाएगा. जिससे हर वर्ग के लोग सांची का स्वाद चख सकें. इसके साथ ही एनडीडीबी मध्य प्रदेश के अन्य शहरों और दूसरे राज्यों में सांची प्रोडक्ट की सप्लाई के लिए आनलाइन डिलीवरी कंपनियों से करार भी करेगी. इसके तहत सांची प्रोडक्ट की सीधे घर तक डिलीवरी करने के लिए अमेजन, स्विगी और जोमेटो जैसी कंपनियों का सहारा लेगी.
पुरानी मशीनों की जगह लगेंगी आटोमेटिक मशीनें
सांची दुग्ध संघ के अधिकारियों ने बताया कि "अभी जिन मशीनों से प्लांट में काम हो रहा है, वो 45 से 50 साल पुरानी हैं. एक तरह से ये आउटडेटेड हो चुकी हैं. अब इनकी जगह नई ऑटोमेटिक मशीनें खरीदी जाएंगी जिससे दूध, घी और मक्खन समेत अन्य उत्पादों की प्रोसेसिंग एक ही समय में की जा सकेगी. इससे जहां समय की बचत होगी, वहीं मैन पावर भी कम लगेगा."
मध्य प्रदेश के 11,000 गांवों से खरीदा जाएगा दूध
प्रदेश में फसल क्रांति के बाद अब दुग्ध क्रांति से पशुपालकों, किसानों को संपन्न बनाया जाएगा. प्रदेश में न केवल दूध उत्पादन में वृद्धि की कोशिश की जा रही है, बल्कि पशुपालकों को दूध की उचित कीमत दिलाने की भी पहल की गई है. ऐसे में दूध उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड मध्य प्रदेश के 11,000 गांवों में कलेक्शन सेंटर खोलेगा. जिससे इन गांव में रहने वाले किसानों को दूध की उचित कीमत मिल सके और उनकी आय में भी बढ़ोत्तरी हो.
किसान और समितियां होंगी मालामाल
अभी सांची दुग्ध संघ की दुग्ध समितियां किसानों से केवल सुबह के समय में दूध खरीदती हैं. ऐसे में शाम का दूध किसानों को स्थानीय स्तर पर कम दाम में बेचना पड़ता है या इसका खुद उपयोग करना पड़ता है. लेकिन अब एनडीडीबी किसानों से दोनों समय के दूध का कलेक्शन करेगा जिससे किसानों की आय तो दोगुनी होगी ही, बल्कि समितियों को भी ज्यादा कमीशन मिलेगा.
5 साल में दो गुना होगा उत्पादन
सांची दुग्ध संघ के एमडी सतीश कुमार एस ने बताया कि "एनडीडीबी द्वारा कमान संभालने के बाद कच्चे दूध की प्रोसेसिंग करने, पाउडर बनाने और अन्य उत्पाद बनाने के लिए अत्याधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा. जिसमें एक साथ सभी दुग्ध उत्पादों की प्रोसेसिंग की जा सकेगी. वर्तमान में दूध के विभिन्न उत्पाद बनाने के लिए अलग-अलग स्तर पर प्रोसेसिंग की जाती है." सतीश कुमार एस ने बताया कि "अभी एनडीडीबी के अधिकारी संघ के आय-व्यय और व्यवस्थाओं की जानकारी ले रहे हैं. यहां के कर्मचारियों की जानकारी भी जुटा रहे हैं."
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इन दुग्ध संघों को कर्ज से उबार चुका है एनडीडीबी
बता दें कि एनडीडीबी को कर्ज में फंसे दुग्ध संघों को उबारने में महारत हासिल है. बोर्ड कई दुग्ध संघों को घाटे से उबार चुका है और कुछ संघों को वापस संचालन का अधिकार दिया गया है. इससे पहले एनडीडीबी ने राजस्थान, जलगांव, झारखंड, असम, वाराणसी और विदर्भ समेत कई दुग्ध संघों को घाटे से उबारकर मुनाफे में लाया है. इसी वजह से एमपी सरकार सांची दुग्ध संघ की कमान एनडीडीबी को सौंपी जा रही है.