ETV Bharat / bharat

नया चुनाव प्रबंधन विभाग बनाने की कवायद में कांग्रेस, प्रियंका गांधी हो सकती हैं प्रमुख - CONGRESS PARTY

कांग्रेस लोकसभा चुनाव के बाद कई राज्यों में हार के बाद अग्रिम योजना बनाने के लिए नया चुनाव प्रबंधन विभाग बनाने की तैयारी में है.

congress setting up new election management department for advance planning to fight bjp
कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस महासचिवों और राज्य प्रभारियों की बैठक में शामिल हुए नेता (File Photo - ANI)
author img

By Amit Agnihotri

Published : Feb 25, 2025, 10:33 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी नया चुनाव प्रबंधन विभाग बनाने की कवायद में जुटी है, जो राज्यों के लिए चुनाव से पहले योजना और रणनीति तैयार करेगा. साथ ही पार्टी की संबंधित केंद्रीय और राज्य टीमों को उनकी कमियों के बारे में आगाह करेगा.

कांग्रेस के भीतर यह विचार इस आत्ममंथन के बाद आया है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा से प्रभावी रूप से मुकाबला करने के लिए अधिक से अधिक राज्यों में जीत हासिल करनी होगी.

वर्तमान में कांग्रेस दो दक्षिणी राज्यों तेलंगाना और कर्नाटक में सत्ता में है, जबकि तमिलनाडु में वह सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है. कांग्रेस केरल में मुख्य विपक्षी दल है, लेकिन आंध्र प्रदेश में उसका जनाधार सबसे कमजोर है.

उत्तर, पश्चिम और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में कांग्रेस के पास सिर्फ एक राज्य हिमाचल प्रदेश है, जहां वह सत्ता में है, जबकि झारखंड में वह झामुमो के साथ सत्ता साझा करती है.

कांग्रेस के नेतृत्व वाला इंडिय ब्लॉक 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के प्रदर्शन से बहुत उत्साहित था, जब उसने भाजपा को कुल 543 सीटों में से 240 सीटों पर रोकने में सफलता हासिल की थी, जिससे भाजपा साधारण बहुमत से 32 सीटें पीछे रह गई थी. इसके बाद से कांग्रेस पार्टी को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में हार का सामना करना पड़ा है.

कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के एक सदस्य ने नाम न उजागर की शर्त पर बताया, "आने वाले दिनों में चुनाव प्रबंधन विभाग के गठन की प्रबल संभावना है."

कांग्रेस के लिए पहली चुनौती बिहार में है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके बाद केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 2026 में तथा गुजरात में 2027 में चुनाव होंगे.

कांग्रेस को अधिक राज्यों में जीत की जरूरत...
तेलंगाना के प्रभारी कांग्रेस सचिव रोहित चौधरी ने ईटीवी भारत से कहा, "हमें देश भर में मजबूत होने के लिए और अधिक राज्यों में जीत की जरूरत है."

चौधरी ने हाल ही में संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, जिसमें कांग्रेस लगातार तीसरे चुनाव में एक भी सीट जीतने में असफल रही. चौधरी ने कहा, "दिल्ली में हमारे लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता और भी अधिक मेहनत करना है."

जैसे-जैसे चुनाव प्रबंधन विभाग आकार ले रहा है, इसकी संरचना और भूमिका को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर चर्चा हो रही है. उत्तर प्रदेश के प्रभारी कांग्रेस सचिव धीरज गुर्जर ने ईटीवी भारत से कहा, "हो सकता है कि अनुसंधान विभाग का नाम बदलकर चुनाव प्रबंधन विभाग कर दिया जाए."

पार्टी के सूत्रों के अनुसार, नए विभाग की भूमिका पर चर्चा चल रही है, क्योंकि कांग्रेस प्रभारी और राज्य प्रमुख पहले भी चुनावों की निगरानी करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए, नए विभाग को कहां फिट किया जाएगा, इस पर काम करने की जरूरत है.

कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा, "मेरे विचार से, नया विभाग चुनाव वाले राज्य की 360 डिग्री की योजना बनाएगा और संबंधित केंद्रीय और राज्य टीमों को कमियों को दूर करने के बारे में बताएगा. अगर हम चुनाव प्रबंधन की बात करें, तो संगठन के मुद्दे से लेकर गठबंधन, उम्मीदवारों के चयन, घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने और प्रचार अभियान की रूपरेखा तैयार करने तक, सब कुछ इसके तहत आता है. अगर एक विशेषज्ञ टीम यह सब पहले से कर ले और संबंधित प्रभारियों को आगाह कर दे, तो नतीजे अलग हो सकते हैं."

प्रियंका गांधी हो सकती हैं विभाग की प्रमुख
ऐसी अटकलें हैं कि स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा, जो बिना किसी विभाग के कांग्रेस महासचिव हैं, नए चुनाव प्रबंधन विभाग की प्रमुख हो सकती हैं. इस संबंध में गुर्जर ने कहा, "यह हमारे पार्टी अध्यक्ष का विशेषाधिकार है. मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता."

यह भी पढ़ें- वन नेशन-वन इलेक्शन पर JPC की तीसरी बैठक, पूर्व चीफ जस्टिस समेत कानूनी जानकार ने दिए सुझाव

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी नया चुनाव प्रबंधन विभाग बनाने की कवायद में जुटी है, जो राज्यों के लिए चुनाव से पहले योजना और रणनीति तैयार करेगा. साथ ही पार्टी की संबंधित केंद्रीय और राज्य टीमों को उनकी कमियों के बारे में आगाह करेगा.

कांग्रेस के भीतर यह विचार इस आत्ममंथन के बाद आया है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा से प्रभावी रूप से मुकाबला करने के लिए अधिक से अधिक राज्यों में जीत हासिल करनी होगी.

वर्तमान में कांग्रेस दो दक्षिणी राज्यों तेलंगाना और कर्नाटक में सत्ता में है, जबकि तमिलनाडु में वह सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है. कांग्रेस केरल में मुख्य विपक्षी दल है, लेकिन आंध्र प्रदेश में उसका जनाधार सबसे कमजोर है.

उत्तर, पश्चिम और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में कांग्रेस के पास सिर्फ एक राज्य हिमाचल प्रदेश है, जहां वह सत्ता में है, जबकि झारखंड में वह झामुमो के साथ सत्ता साझा करती है.

कांग्रेस के नेतृत्व वाला इंडिय ब्लॉक 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के प्रदर्शन से बहुत उत्साहित था, जब उसने भाजपा को कुल 543 सीटों में से 240 सीटों पर रोकने में सफलता हासिल की थी, जिससे भाजपा साधारण बहुमत से 32 सीटें पीछे रह गई थी. इसके बाद से कांग्रेस पार्टी को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में हार का सामना करना पड़ा है.

कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के एक सदस्य ने नाम न उजागर की शर्त पर बताया, "आने वाले दिनों में चुनाव प्रबंधन विभाग के गठन की प्रबल संभावना है."

कांग्रेस के लिए पहली चुनौती बिहार में है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके बाद केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 2026 में तथा गुजरात में 2027 में चुनाव होंगे.

कांग्रेस को अधिक राज्यों में जीत की जरूरत...
तेलंगाना के प्रभारी कांग्रेस सचिव रोहित चौधरी ने ईटीवी भारत से कहा, "हमें देश भर में मजबूत होने के लिए और अधिक राज्यों में जीत की जरूरत है."

चौधरी ने हाल ही में संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, जिसमें कांग्रेस लगातार तीसरे चुनाव में एक भी सीट जीतने में असफल रही. चौधरी ने कहा, "दिल्ली में हमारे लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता और भी अधिक मेहनत करना है."

जैसे-जैसे चुनाव प्रबंधन विभाग आकार ले रहा है, इसकी संरचना और भूमिका को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर चर्चा हो रही है. उत्तर प्रदेश के प्रभारी कांग्रेस सचिव धीरज गुर्जर ने ईटीवी भारत से कहा, "हो सकता है कि अनुसंधान विभाग का नाम बदलकर चुनाव प्रबंधन विभाग कर दिया जाए."

पार्टी के सूत्रों के अनुसार, नए विभाग की भूमिका पर चर्चा चल रही है, क्योंकि कांग्रेस प्रभारी और राज्य प्रमुख पहले भी चुनावों की निगरानी करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए, नए विभाग को कहां फिट किया जाएगा, इस पर काम करने की जरूरत है.

कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा, "मेरे विचार से, नया विभाग चुनाव वाले राज्य की 360 डिग्री की योजना बनाएगा और संबंधित केंद्रीय और राज्य टीमों को कमियों को दूर करने के बारे में बताएगा. अगर हम चुनाव प्रबंधन की बात करें, तो संगठन के मुद्दे से लेकर गठबंधन, उम्मीदवारों के चयन, घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने और प्रचार अभियान की रूपरेखा तैयार करने तक, सब कुछ इसके तहत आता है. अगर एक विशेषज्ञ टीम यह सब पहले से कर ले और संबंधित प्रभारियों को आगाह कर दे, तो नतीजे अलग हो सकते हैं."

प्रियंका गांधी हो सकती हैं विभाग की प्रमुख
ऐसी अटकलें हैं कि स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा, जो बिना किसी विभाग के कांग्रेस महासचिव हैं, नए चुनाव प्रबंधन विभाग की प्रमुख हो सकती हैं. इस संबंध में गुर्जर ने कहा, "यह हमारे पार्टी अध्यक्ष का विशेषाधिकार है. मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता."

यह भी पढ़ें- वन नेशन-वन इलेक्शन पर JPC की तीसरी बैठक, पूर्व चीफ जस्टिस समेत कानूनी जानकार ने दिए सुझाव

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.