बलरामपुर: करीब ढाई महीने से कन्हर नदी का जलस्तर रेत में गायब हो चुका था. मॉनसून के आते ही अब एक बार फिर से कन्हर नदी में जल के स्रोत दिखाई देने लगे हैं. कन्हर नदी में बारिश का पानी जमा होने लगा है. रामानुजगंज के लोगों को जैसे ही खबर मिली की कन्हर नदी में पानी पहुंचने लगा है लोग नदी में भागकर पहुंचे. कन्हर नदी को जीवनदायिनी नदी माना जाता है. लोगों ने नदी में पानी आने की खुशी में कन्हर मैया की पूजा अर्चना भी की.
कन्हर नदी में आए पानी का हुआ ग्रैंड वेलकम - monsoon water reached Kanhar river
बलरामपुर रामानुजगंज जिले में मानसून की शुरूआती बारिश के बाद रामानुजगंज की जीवनदायिनी कही जाने वाली कन्हर नदी में पानी आने के बाद नगर के लोगों ने राहत की सांस ली. बीते करीब ढ़ाई महीने से कन्हर नदी पूरी तरह से सूखी हुई थी. नगर में जल संकट की स्थिति थी. शहर का भूमिगत जलस्तर भी काफी नीचे चला गया. अब नदी में पानी आने के बाद स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि भूमिगत जलस्तर में सुधार होगा.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jun 23, 2024, 8:56 PM IST
|Updated : Jun 23, 2024, 9:51 PM IST
कन्हर मैया की पूजा-अर्चना: बलरामपुर रामानुजगंज जिले के पाट पहाड़ी इलाकों में मॉनसून की शुरूआती बारिश से जिले की सबसे बड़ी नदी कन्हर नदी में रविवार को आषाढ़ महीने की शुरुआत में पानी आने के बाद एक बड़ी आबादी के साथ ही नदी के किनारे बसे गांवों के हजारों लोगों को राहत मिली है. पानी आने के बाद क्षेत्र के लोगों को पेयजल निस्तारण सहित अन्य दैनिक जरूरतों के लिए अब मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. कन्हर नदी के सूखने के चलते लगातार इलाके का भू-जलस्तर गिरता जा रहा था.
लोगों ने दिया मौसम को धन्यवाद: बलरामपुर रामानुजगंज के प्रकृति प्रेमी ओम जायसवाल को जैसे ही यह खबर पता चला कि कन्हर नदी में पानी आ गया है तो वह भी तुरंत कन्हर नदी पहुंचे और नदी की पहली धारा की पूजा अर्चना कर कन्हर मैया को प्रणाम किया. भीषण गर्मी के मौसम के बाद अषाढ़ की शुरुआत में नदी में पानी आने के बाद नदी एक बार फिर से गुलजार हो चुकी है.
जशपुर जिले के पठार से निकलती है कन्हर नदी: बलरामपुर रामानुजगंज जिला चारों तरफ से घने जंगलों और ऊंची ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ है. पहाड़ी क्षेत्रों में हुई मानसून की शुरूआती बारिश के बाद नदी में पानी आया है. कन्हर नदी के प्रवाह मार्ग पर दर्जनों छोटी बड़ी नदियां और बरसाती नाले भी मिल जाते हैं. यह नदी जशपुर जिले के खुडिया पठार से निकलती है और छत्तीसगढ़ और झारखंड के बीच से होकर बहती है.