वाशिंगटन: टेस्ला के सीईओ और अरबपति एलन मस्क ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आगामी चुनाव में हारने की भविष्यवाणी की है. मस्क ने एक्स पर पीएम ट्रूडो पर कटाक्ष करते हुए उन पर निशाना साधा. बता दें कि, कनाडा में 20 अक्टूबर 2025 को या उससे पहले संघीय चुनाव होने जा रहा है.
साल 2013 से लिबरल पार्टी का नेतृत्व कर रहे ट्रूडो के लिए आगामी चुनाव एक महत्वपूर्ण परीक्षा की घड़ी होगी. मस्क की टिप्पणी या फिर उनकी भविष्यवाणी कह लें, ट्रूडो की वर्तमान अल्पमत सरकार की स्थिति को देखते हुए आई है. जिस तरह से जस्टिन ट्रूडो इस समय अपनी ही पार्टी के अंदर विरोध को झेल रहे हैं, उसे देखकर तो लगता उनके लिए आगे की राह आसान नहीं होने वाली है.
आगामी चुनाव में ट्रूडो की लिबरल पार्टी अन्य प्रमुख पार्टियों के बीच कड़ा संघर्ष होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिसमें पियरे पोलीवरे के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी और जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी शामिल है. ब्लॉक क्यूबेकॉइस और ग्रीन पार्टी भी सीटों के लिए होड़ में होंगी, जिससे ट्रूडो का चुनावी गणित बिगड़ सकता है.
सीएनएन की एक रिपोर्ट की माने तो जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने बुधवार को अपने वित्त मंत्री को कैबिनेट से निकाल दिया. ऐसे में अब आशंका है कि वहां सरकार किसी भी वक्त गिर सकती है. स्कोल्ज ने कहा कि उन्होंने वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर को निकाल दिया है. उन्होंने इस पर तर्क देते हुए कहा कि, देश को नुकसान से बचाने के लिए लिंडनर को निकालना आवश्यक था. जर्मनी में इन दिनों ट्रैफिक लाइट गठबंधन सत्ता में काबिज है. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के ओलाफ स्कोल्ज, फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी के लिंडनर और ग्रीन पार्टी के रॉबर्ट हैबेक के बीच कई दिनों की वार्ता हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद वित्त मंत्री को निकाल दिया गया.
ट्रूडो पर दबाव बढ़ता जा रहा है, खासकर उनके विरोधियों के 2025 के चुनाव जीतने का अनुमान है. इसके अलावा, कनाडा के साथ भारत के संबंधों में भारी गिरावट देखी गई है, जिसमें भारत ने बार-बार कनाडा में उग्रवाद और हिंसा की संस्कृति और भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है. साथ ही कनाडा के अधिकारियों से इन गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में सबूत दिए बिना आरोप लगाने वाले कनाडाई नेताओं के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में भारी गिरावट आई.
संबंधों में भारी गिरावट के कारण भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर 'जानबूझकर' किए गए हमले की निंदा की और कहा कि, भारतीय राजनयिकों को 'डराने के कायराना प्रयास' भयावह थे और नई दिल्ली को उम्मीद है कि, कनाडाई अधिकारी न्याय सुनिश्चित करेंगे और कानून के शासन को बनाए रखेंगे.
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