बीजापुर: बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे के लिए जवान दिन रात जंगलों की खाक छान रहे हैं. जमीन से लेकर आसमान तक से नक्सलियों पर नजर रखी जा रही है. फोर्स के मूवमेंट से घबराए नक्सली अब घने जंगलों के भीतर सिमटते जा रहे हैं. नक्सलियों की तलाश में जवान उनके सेफ जोन तक पहुंच रहे हैं. जवानों से खुद को बचाने और उनको नुकसान पहुंचाने के लिए माओवादी भी कई जगहों पर लैंडमाइन और आईईडी लगा देते हैं. ऐसे में फोर्स की मदद करती है डॉग स्क्वायड टीम की 'रानी'.
रानी की दिलेरी से माओवादियों के हौसले पस्त: नक्सलगढ़ में चल रही लड़ाई अब निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है. सुरक्षा बलों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली रानी जमीन के नीचे छिपाकर रखे गए बमों को खोजने में माहिर है. रानी जमीन के नीचे छिपाकर लगाए गए कई बमों का पता सूंघकर लगा चुकी है. कई जवानों की जान भी रानी बचा चुकी है. रानी की दिलेरी और सूंघने की शक्ति का लोहा फोर्स के जवान भी मानते हैं. नक्सल ऑपररेशन पर जाने से पहले सभी जवान रानी को अपने साथ ले जाना नहीं भूलते.
रोड ओपनिंग पार्टी को लीड करती है रानी: बीजापुर के नक्सल एरिया में जब फोर्स रोड ओपनिंग के लिए निकलती है तो रानी फोर्स को लीड करती है. रानी सबसे आगे आगे होती है और फोर्स उसके पीछे पीछे मूव करती है. बीजापुर पुलिस के मुताबिक दो महीने पहले रानी ने गद्दामली से कडेर जाने वाले मार्ग पर तीस तीस किलो के दो आईईडी को सूंघकर खोज निकाला था. समय रहते अगर बम को नहीं खोजा जाता तो बड़ी संख्या में जवान हताहत होते. रानी की बहादुरी के किस्से सुनाते हुए फोर्स के जवान भी खुश होते हैं.