भोपाल: मध्यप्रदेश के दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े महानगरों में पदस्थ कर्मचारियों का हाउस रेंट अलाउंस बढ़ाए जाने के बाद मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को भी एचआरए में बढ़ोत्तरी की उम्मीद जाग गई है. कर्मचारी संगठन एचआरए बढ़ाए जाने को लेकर कई सालों से मांग करते आ रहे हैं. पिछले दिनों कर्मचारी संगठनों ने सरकार को ज्ञापन सौंपकर एक बार फिर एचआरए बढ़ाए जाने की मांग की है. कर्मचारी संगठनों के मुताबिक हमें उम्मीद है कि सरकार मध्यप्रदेश के बाहर पदस्थ कर्मचारियों के बाद प्रदेश के कर्मचारियों के साथ भी न्याय करेगी.
महानगरों में रहने वाले कर्मचारियों को मिली राहत
प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने महानगरों में आवास की समस्या को देखते हुए प्रदेश के बाहर पदस्थ कर्मचारी अधिकारियों के हाउस रेंट अलाउंस में बढ़ोतरी करते हुए 30 प्रतिशत कर दिया है. इसके लिए वित्त विभाग ने 19 फरवरी 2007 के जारी आदेश में संशोधन कर दिया है. इस आदेश में दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में पदस्थ प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों को पांचवे वेतनमान के हिसाब से मूल वेतन के 30 फीसदी की दर से हाउस रेंट अलाउंस निर्धारित किया था. अब इन कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस छठे वेतनमान के अंतर्गत नियम वेतन बेंड में वेतन और ग्रेड वेतन के योग के 30 फीसदी के आधार पर ही किया जाएगा.
प्रदेश के कर्मचारी फिर हुए मुखर
उधर महानगरों में पदस्थ कर्मचारियों के एचआरए में बढ़ोतरी के बाद प्रदेश में पदस्थ कर्मचारी भी एचआरए बढ़ाए जाने की मांग को लेकर फिर मुखर हो गए हैं. कर्मचारी संगठन पिछले करीब 10 सालों से एचआरए बढ़ाए जाने की मांग करते आ रहे हैं. मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे कहते हैं कि, ''सरकार प्रदेश के कर्मचारियों में ही भेदभाव कर रही है. प्रदेश सरकार कर्मचारियों को 7 वां वेतनमान दे रही है, लेकिन भत्तों का निर्धारिण छठे वेतनमान के हिसाब से किया जा रहा है.''
Also Read: |