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वक्फ JPC बैठक: किरेन रिजिजू ने की NDA सांसदों के साथ बैठक, एकजुट रहने की दी सलाह - KIREN RIJIJU WAQF JPC MEET

सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पिछली जेपीसी वक्फ बैठक के दौरान हुए हंगामे के मद्देनजर यह बैठक बुलाई गई थी.

Kiren Rijiju Waqf JPC Meet
किरेन रिजिजू की फाइल फोटो. (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 27, 2025, 12:56 PM IST

नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी बैठक से पहले, सोमवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के नई दिल्ली स्थित आवास पर एनडीए सांसदों की आंतरिक बैठक बुलाई. इस बैठक में जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, भाजपा सांसद दिलीप सैकिया, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, निशिकांत दुबे, अरुण भारती, नरेश महस्के और सुधा कुलकर्णी समेत प्रमुख सदस्य शामिल हुए.

यह बैठक वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने पर केंद्रित थी, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में चुनौतियों का समाधान करना है. आज की बैठक में रिजिजू ने सभी एनडीए सांसदों को जेपीसी बैठक के दौरान एकजुट रहने की सलाह दी.

सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पिछली जेपीसी वक्फ बैठक के दौरान हुए हंगामे के मद्देनजर उन्होंने बैठक बुलाई है. आज वक्फ जेपीसी की बैठक से पहले शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने कहा कि आज चाय पर चर्चा हुई.

आज जेपीसी के सदस्य दिल्ली आए थे, इसलिए हमने अपने एनडीए नेता किरेन रिजिजू से मुलाकात की... विपक्ष में होड़ मची हुई है. एआईएमआईएम, कांग्रेस और आप सभी अल्पसंख्यकों, मुस्लिम लोगों को यह दिखाने के लिए विरोध कर रहे हैं कि हम आपके साथ हैं, हमने आपके लिए लड़ाई लड़ी है. ये सभी नाटक कर रहे हैं.

आज जेपीसी की बैठक में विधेयक के हर खंड पर चर्चा होगी. पिछली बैठक में व्यवधानों की वजह से व्यवधान हुआ था. विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने वक्फ विधेयक में संशोधन के लिए नोटिस दिए हैं. इस विधेयक पर विवाद छिड़ गया है, विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने 444 संशोधनों के लिए नोटिस दिए हैं.

वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में अव्यवस्था देखने को मिली, जिसके चलते असदुद्दीन ओवैसी और कल्याण बनर्जी समेत 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया. उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पेश किया.

निलंबित सांसदों में इमरान मसूद, अरविंद सावंत, नासिर हुसैन, ए राजा, मोहिबुल्लाह नदवी, एमएम अब्दुल्ला, नदीमुल हक और मोहम्मद जावेद भी शामिल थे. विपक्षी दलों ने संघवाद और संवैधानिक प्रावधानों पर चिंताओं का हवाला देते हुए विधेयक पेश किए जाने का कड़ा विरोध किया था.

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नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी बैठक से पहले, सोमवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के नई दिल्ली स्थित आवास पर एनडीए सांसदों की आंतरिक बैठक बुलाई. इस बैठक में जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, भाजपा सांसद दिलीप सैकिया, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, निशिकांत दुबे, अरुण भारती, नरेश महस्के और सुधा कुलकर्णी समेत प्रमुख सदस्य शामिल हुए.

यह बैठक वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने पर केंद्रित थी, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में चुनौतियों का समाधान करना है. आज की बैठक में रिजिजू ने सभी एनडीए सांसदों को जेपीसी बैठक के दौरान एकजुट रहने की सलाह दी.

सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पिछली जेपीसी वक्फ बैठक के दौरान हुए हंगामे के मद्देनजर उन्होंने बैठक बुलाई है. आज वक्फ जेपीसी की बैठक से पहले शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने कहा कि आज चाय पर चर्चा हुई.

आज जेपीसी के सदस्य दिल्ली आए थे, इसलिए हमने अपने एनडीए नेता किरेन रिजिजू से मुलाकात की... विपक्ष में होड़ मची हुई है. एआईएमआईएम, कांग्रेस और आप सभी अल्पसंख्यकों, मुस्लिम लोगों को यह दिखाने के लिए विरोध कर रहे हैं कि हम आपके साथ हैं, हमने आपके लिए लड़ाई लड़ी है. ये सभी नाटक कर रहे हैं.

आज जेपीसी की बैठक में विधेयक के हर खंड पर चर्चा होगी. पिछली बैठक में व्यवधानों की वजह से व्यवधान हुआ था. विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने वक्फ विधेयक में संशोधन के लिए नोटिस दिए हैं. इस विधेयक पर विवाद छिड़ गया है, विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने 444 संशोधनों के लिए नोटिस दिए हैं.

वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में अव्यवस्था देखने को मिली, जिसके चलते असदुद्दीन ओवैसी और कल्याण बनर्जी समेत 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया. उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पेश किया.

निलंबित सांसदों में इमरान मसूद, अरविंद सावंत, नासिर हुसैन, ए राजा, मोहिबुल्लाह नदवी, एमएम अब्दुल्ला, नदीमुल हक और मोहम्मद जावेद भी शामिल थे. विपक्षी दलों ने संघवाद और संवैधानिक प्रावधानों पर चिंताओं का हवाला देते हुए विधेयक पेश किए जाने का कड़ा विरोध किया था.

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