देश में बढ़ते डायबिटीज के मामलों के बीच एक हालिया अध्ययन ने खुलासा किया है कि स्वस्थ जीवनशैली और आहार के साथ-साथ एंटी डायबिटिक गुणों से भरपूर हर्बल फॉर्मूलेशन जैसे बीजीआर-34, डायबिटीज रोगियों में 14 दिनों के भीतर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं. पटना स्थित सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा हाई ब्लड शुगर के स्तर से पीड़ित एक मरीज पर किए गए अध्ययन को अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेदिक मेडिकल जर्नल (IAMJ) में प्रकाशित किया गया है.
सहायक प्रोफेसर प्रभास चंद्र पाठक के नेतृत्व में टीम ने मरीज को दो सप्ताह के लिए शोध-आधारित पारंपरिक दवाओं का संयोजन निर्धारित किया, जिसमें बीजीआर-34, आरोग्यवर्धनी वटी, चंद्रप्रभावटी जैसे हर्बल फॉर्मूलेशन, कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं, जीवनशैली में समायोजन और एक खास डाइट शामिल था. 14 दिनों के बाद, इलाज में थोड़ा बदलाव किया गया. इस दौरान, मरीज में काफी सुधार दिखा, उदाहरण के लिए, शुगर का लेवल जो इलाज से पहले 254 mg/dl था, इलाज के बाद घटकर 124 mg/dl हो गया.
यह पाया गया कि बीजीआर-34 में मौजूद दारुहरिद्रा, गिलोय, विजयसार, गुड़मार, मेथी और मजीष्ठा में एंटी डायबिटिक गुण पाए गए, जिससे ब्लड में शुगर के लेवल को कम करने में मदद मिली. यह दवा देश के प्रमुख अनुसंधान संस्थान, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा व्यापक शोध के बाद तैयार की गई है.
विजयसार वृक्ष के अद्भुत फायदे
बता दें, विजयसार एक अद्भुत वृक्ष है. यह पेड़ विशेष रूप से पश्चिमी और मध्य भारत के जंगलों के ग्रामीण इलाकों में पाया जाता है. इस पेड़ की लकड़ी, छाल और पत्तियों में भरपूर औषधीय गुण होते हैं. इसके पेड़ MP के दमोह क्षेत्र में भी पाए जाते हैं. दमोह क्षेत्र में इन्हें बीजा के नाम से जाना जाता है. इस पेड़ की कई खूबियां हैं. आयुर्वेद में बीजे की लकड़ी को शुगर लेवल कम करने के लिए सबसे प्रभावी जड़ी बूटी माना जाता है. इसमें कई तरह के न्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं. जिसमें एल्डिहाइड, सैपोनिन, ग्लाइकोसाइड मेन हैं. इसकी पतली टहनियों सहित पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से डायबिटीज मरीजों को राहत मिलती है.
प्राचीन काल से विभिन्न इलाज में हो रहा इस्तेमाल
इतना ही नहीं, इसकी पत्तियां का अर्क घावों पर लगाने के काम आती हैं. इलाज का यह मेथड प्राचीन काल से चली आ रही है. बुन्देलखण्ड के कुछ इलाकों में इसकी लकड़ी को बीजे के नाम से जाना जाता है. जबकि, अन्य इलाकों और क्षेत्रों में इसे विजयसार भी कहा जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, इस पेड़ की सूखी डंडी को गर्म पानी में उबालकर, बाद में इस पानी को छानकर पीने से शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल से लेकर अन्य बीमारियों के इलाज में फायदा मिलता है. विजयसार की लकड़ी में औषधीय गुण होता है, इसे प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में माने जाते रहे हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए यह पेड़ किसी वरदान से कम नहीं है. इसका इस्तेमाल डायबिटीज की समस्या को कम करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा इसकी लकड़ी शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है.
31 मिलियन भारतीय मधुमेह से पीड़ित
बता दें, खराब जीवनशैली और अनहेल्दी आहार आदतों के कारण देश में डायबिटीज की बीमारी बढ़ रही है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 2019 और 2021 के बीच लगभग 31 मिलियन भारतीय मधुमेह से पीड़ित हुए.
(एजेंसियों से इनपुट)
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