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रतलाम नगर निगम के पूर्व उपायुक्त के घर ईओडब्ल्यू ने मारा छापा, सुबह 4 बजे से कार्रवाई जारी - EOW INDORE RAID VIKAS SOLANKI HOUSE

आर्थिक अपराध शाखा इंदौर की टीम की रतलाम नगर निगम के पूर्व उपायुक्त विकास सोलंकी के घर पर सुबह चार बजे से शुरू की गई छापेमारी की कार्रवाई अब तक जारी है.

Raid at former Deputy Commissioner house
रतलाम नगर निगम के पूर्व उपायुक्त के घर छापा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 27, 2025, 12:04 PM IST

रतलाम: रतलाम नगर निगम के पूर्व उपायुक्त विकास सोलंकी के घर पर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) इंदौर की टीम ने सोमवार तड़के 4 बजे छापा मारा. छापेमारी की कार्रवाई अब तक जारी है. उनसे बंद कमरे में पूछताछ की जा रही है. आज सुबह ईओडब्ल्यू के एक दर्जन से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों ने उनके यहां रेड डाली.

बता दें नगर निगम उपायुक्त के पद पर रहते हुए सिविक सेंटर फर्जी रजिस्ट्री मामले में नाम आने पर उन्हें पद से हटा दिया गया था. इसके अलावा स्टोर में खरीदी गडबड़ी, मेले के टेंडर में गड़बड़ी और संपत्ति कर प्रभारी रहते हुए गड़बड़ी के मामले में भी उनके खिलाफ शिकायत हो चुकी है. वर्तमान में वह लेखा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं.

यह था सिविक सेंटर रजिस्ट्री मामला

सिविक सेंटर फर्जी रजिस्ट्री मामला सत्तारूढ़ भाजपा पार्षदों ने उठाया था. निगम के अधिकारियों ने भूमाफियाओं से साठगांठ कर सिविक सेंटर के कई प्लॉटों को कम दामों पर रजिस्ट्री करवा कर रातों-रात नामांतरण करवा दिया था. फर्जी रजिस्ट्री मामले में नाम आने पर तत्कालीन आयुक्त एपीएस गहरवार को निलंबित कर दिया गया था. इसके साथ ही उपायुक्त विकास सोलंकी को भी पद से हटा दिया गया था.

मामले में 36 लोगों पर दर्ज किया गया था धोखाधड़ी और आर्थिक अनियमितता का केस

इन अधिकारियों ने षड्यंत्रपूर्वक सिविक सेंटर स्थित 27 प्लॉटों की साल पुरानी दरों पर रजिस्ट्री करवा दी थी. जबकि यह जमीन राजस्व विभाग की है. तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लक्ष्यकार की रिपोर्ट पर शासन ने इन्हे निलंबित किया था. वहीं इस मामले में लोकायुक्त उज्जैन पुलिस ने तत्कालीन निगम आयुक्त अखिलेश गहरवार, उपायुक्त विकास सोलंकी, जिला रजिस्ट्रार कार्यालय के उपपंजीयक प्रसन्न गुप्ता सहित कुल 36 लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी और आर्थिक अनियमितता का केस दर्ज किया था.

सोलंकी पर कई विभागों में प्रभारी रहते हुए गड़बड़ी करने का है आरोप

5 साल से रतलाम में पदस्थ विकास सोलंकी पर कई विभागों में प्रभारी रहते हुए गड़बड़ी किए जाने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायतें लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू से की गई हैं.

रतलाम: रतलाम नगर निगम के पूर्व उपायुक्त विकास सोलंकी के घर पर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) इंदौर की टीम ने सोमवार तड़के 4 बजे छापा मारा. छापेमारी की कार्रवाई अब तक जारी है. उनसे बंद कमरे में पूछताछ की जा रही है. आज सुबह ईओडब्ल्यू के एक दर्जन से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों ने उनके यहां रेड डाली.

बता दें नगर निगम उपायुक्त के पद पर रहते हुए सिविक सेंटर फर्जी रजिस्ट्री मामले में नाम आने पर उन्हें पद से हटा दिया गया था. इसके अलावा स्टोर में खरीदी गडबड़ी, मेले के टेंडर में गड़बड़ी और संपत्ति कर प्रभारी रहते हुए गड़बड़ी के मामले में भी उनके खिलाफ शिकायत हो चुकी है. वर्तमान में वह लेखा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं.

यह था सिविक सेंटर रजिस्ट्री मामला

सिविक सेंटर फर्जी रजिस्ट्री मामला सत्तारूढ़ भाजपा पार्षदों ने उठाया था. निगम के अधिकारियों ने भूमाफियाओं से साठगांठ कर सिविक सेंटर के कई प्लॉटों को कम दामों पर रजिस्ट्री करवा कर रातों-रात नामांतरण करवा दिया था. फर्जी रजिस्ट्री मामले में नाम आने पर तत्कालीन आयुक्त एपीएस गहरवार को निलंबित कर दिया गया था. इसके साथ ही उपायुक्त विकास सोलंकी को भी पद से हटा दिया गया था.

मामले में 36 लोगों पर दर्ज किया गया था धोखाधड़ी और आर्थिक अनियमितता का केस

इन अधिकारियों ने षड्यंत्रपूर्वक सिविक सेंटर स्थित 27 प्लॉटों की साल पुरानी दरों पर रजिस्ट्री करवा दी थी. जबकि यह जमीन राजस्व विभाग की है. तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लक्ष्यकार की रिपोर्ट पर शासन ने इन्हे निलंबित किया था. वहीं इस मामले में लोकायुक्त उज्जैन पुलिस ने तत्कालीन निगम आयुक्त अखिलेश गहरवार, उपायुक्त विकास सोलंकी, जिला रजिस्ट्रार कार्यालय के उपपंजीयक प्रसन्न गुप्ता सहित कुल 36 लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी और आर्थिक अनियमितता का केस दर्ज किया था.

सोलंकी पर कई विभागों में प्रभारी रहते हुए गड़बड़ी करने का है आरोप

5 साल से रतलाम में पदस्थ विकास सोलंकी पर कई विभागों में प्रभारी रहते हुए गड़बड़ी किए जाने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायतें लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू से की गई हैं.

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