जमुई:बिहार के जमुई जिला स्थित सिमुलतला आवासीय विद्यालयटॉपर्स की फैक्ट्री कहा जाता है. इस विद्यालय में हर साल इंटरमीडिएट और मैट्रिक की परीक्षा में टॉपर्स निकलते हैं और यही कारण है कि ये विद्यालय बिहार में अपनी एक अलग छवि बना चुका है. एक बार फिर से यह विद्यालय सुर्खियों में बना हुआ है. लेकिन इस बार इसका कारण यहां के टॉपर्स नहीं, बल्कि कुछ और ही है. दरअसल, स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के पास से 300 से अधिक मोबाइल फोन जब्त किए हैं. इससे नाराज छात्रों ने हंगामा किया और एक शिक्षक के आवास पर तोड़फोड़ की.
सिमुलतला की चर्चा क्यों? :सिमुलतला स्कूल में मोबाइल फोन रखना वर्जित होने के बावजूद बच्चे इसका इस्तेमाल कर रहे थे. मोबाइल जब्त किए जाने से बच्चे गुस्सा गये. इससे पूरे विद्यालय में हंगामा होने लगा. बच्चों ने गुरु-शिष्य का लाज लिहाज छोड़कर जमकर हंगामा करने लगे. स्कूल प्रबंधन ने शनिवार को ही बच्चों का मोबाइल फोन जब्त किया था. शनिवार सुबह उपजा विवाद रात तक जारी रहा. रविवार को भी स्कूल में तनाव रहा.
"स्टूडेंट्स देर रात तक मोबाइल फोन में वीडियो देखते रहते हैं और स्कूल नहीं आते हैं. ज्यादातर बच्चे कमरे में सोते रहते हैं. बच्चों के पास महंगे मोबाइल फोन भी मिले हैं. घटना के एक दिन पहले बच्चो ने बर्थडे पार्टी भी मनाई थी. पार्टी के नाम पर देर रात तक हंगामा भी करते रहे थे. बच्चों के रिजल्ट खराब होने का जिम्मेदार मोबाइल फोन ही है."- सुनील कुमार, प्राचार्य
सिमुलतला का इतिहास:सिमुलतला की शुरुआत साल 2010 में हुई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2010, 9 अगस्त को इस विद्यालय का उद्घाटन किया था. गुरुकुल पद्धति पर आधारित यह स्कूल आवासीय विद्यालय है. नीतीश कुमार ने बिहार के बच्चों के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखकर इस स्कूल की शुरुआत की थी. सिमुलतला में क्लास 6 से 12 तक की पढ़ाई होती है.