नई दिल्ली: आने वाले सप्ताह में लोकसभा में दो प्रमुख डिबेट होंगी, जिसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी अपने आर्थिक और राजनीतिक विचारों के साथ-साथ केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना कर सकते हैं. राहुल सोमवार को 31 जनवरी के राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस की शुरुआत करेंगे. इसके बाद वह संसद के निचले सदन में केंद्रीय बजट पर चर्चा का नेतृत्व करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम को राष्ट्रपति के भाषण पर बहस का जवाब देंगे.
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आम बजट पेश किए जाने के तुरंत बाद, दस्तावेज को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया. सत्तारूढ़ एनडीए ने बजट को कल्याणकारी और नई दिशा देने वाला करार दिया, जबकि विपक्ष ने इसे चुनावी बजट बताया और कहा कि इसमें विजन की कमी है.
कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उलाका ने ईटीवी भारत से कहा, "नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी 3 फरवरी को दोनों सदनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करेंगे. हालांकि बजट पर अलग से बहस होगी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष किसी भी मुद्दे पर विचार कर सकते हैं, जो उन्हें उचित लगे. जिसमें वह निश्चित रूप से सरकार द्वारा किए गए सभी दावों का मजबूती से खंडन करेंगे."
बजट पर चर्चा
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने बजट में कई खामियां निकाली हैं और उन्हें लगता है कि सरकार बजट में रोजगार सृजन और मूल्य वृद्धि (महंगाई) पर अंकुश लगाने जैसे प्रमुख मुद्दों को संबोधित करने में विफल रही है. सूत्रों ने कहा कि अर्थव्यवस्था के अलावा, राहुल गांधी केंद्र और सत्तारूढ़ भाजपा को निशाना बनाने के लिए राजनीतिक मुद्दे भी उठाएंगे.
उलाका ने कहा, "पूरी सरकार आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये प्रति वर्ष करने पर उत्साहित है. मैं इसका स्वागत करता हूं, क्योंकि यह लंबे समय से लंबित था और थोड़ा देर से फैसला लिया गया है. यह कदम मध्यम वर्ग को खुश करने का प्रयास है, लेकिन बजट ने पिछले वर्षों में रोजगार सृजन और आय में कमी के प्रमुख मुद्दे को संबोधित नहीं किया. इस एक प्रस्ताव के अलावा, बजट में कुछ भी बड़ा नहीं है. नेता लंबे समय से धीमी आर्थिक वृद्धि पर अपनी चिंताओं को उठा रहे हैं और इस पर फिर से बात करने की संभावना है."
पार्टी सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले के दौरान कथित वीआईपी कल्चर और हाल ही में हुई भगदड़ में कई तीर्थयात्रियों की मौत पर भी सवाल उठा सकते हैं.
उलाका ने कहा, "भगदड़ में मारे गए लोगों की संख्या और महाकुंभ मेले में कुप्रबंधन की रिपोर्टों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है."
जाति जनगणना की मांग
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जाति जनगणना की अपनी मांग को भी दोहरा सकते हैं, जो ओबीसी राजनीति पर उनके फोकस का हिस्सा है.
उलाका ने कहा, "राहुल गांधी के लिए जाति जनगणना की मांग प्रमुख है. दिलचस्प बात यह है कि पहले ऐसी खबरें थीं कि सरकार इस साल दशकीय जनगणना (decadal census) कराने की योजना बना रही है, लेकिन बजट में इसका कोई उल्लेख नहीं था. आमतौर पर जनगणना से पहले बजट में आवंटन किया जाता है क्योंकि इसके लिए पर्याप्त धन की आवश्यकता होती है. हमारे नेता नियमित जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं."
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