शिमला:हिमाचल की राजधानी शिमला में एक अजब-गजब वाकया पेश आया है. शिमला से संजौली लोकल रूट की एक सरकारी बस में मोबाइल पर एक डिबेट का ऑडियो चल रहा था. उस ऑडियो में कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम की आवाज में राहुल गांधी, ममता बनर्जी व अखिलेश यादव पर केंद्रित चर्चा थी. बस में सफर कर रहे सैमुअल प्रकाश नामक व्यक्ति ने इस ऑडियो को आपत्तिजनक पाते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के अवर सचिव को शिकायत कर दी. मामले ने तूल पकड़ा तो हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालक व परिचालक को नोटिस जारी कर दिया गया. बाद में सोशल मीडिया व अन्य प्लेटफार्म पर इस नोटिस को लेकर फजीहत शुरू हुई तो एचआरटीसी प्रबंधन ने एक नया आदेश निकाल कर कहा कि इसमें चालक व परिचालक पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. मामले में भाजपा के धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट डालकर चुटकी ली तो पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने भी इस मामले को लेकर सरकार को घेरा. आइए, जानते हैं पूरा मामला है क्या?
शिमला से संजौली रूट की बस में प्ले हो रहा था ऑडियो
मामले के अनुसार हिमाचल पथ परिवहन निगम के उप मंडलीय प्रबंधक ढली डिपो ने स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया था. ये नोटिस शिमला से संजौली लोकल रूट की बस (HP 63 C 5134) के चालक व परिचालक को दिया गया था. नोटिस के अनुसार चालक व परिचालक से स्पष्टीकरण मांगा गया था. आरोप है कि चालक टेकराज व परिचालक शेष राम उक्त बस में तैनात थे. ये घटना पहली नवंबर की थी. उसी दौरान बस में किसी के मोबाइल पर एक ऑडियो चल रहा था. उस ऑडियो में आचार्य प्रमोद व अन्यों के बीच डिबेट थी, उसमें राहुल गांधी के साथ-साथ अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और तेजस्वी यादव का नाम आ रहा था. आरोप है कि इन सभी नेताओं के खिलाफ ऑडियो में दुष्प्रचार किया जा रहा था.
शिकायतकर्ता ने पांच नवंबर को अवर सचिव को मामला भेजा. उसका यानी शिकायतकर्ता का मानना था कि सार्वजनिक तौर पर ऐसे ऑडियो नहीं बजने चाहिए. एचआरटीसी प्रबंधन ने चालक व परिचालक से कहा कि उनका कर्तव्य था कि ऐसा ऑडियो न चलता. चालक व परिचालक ऐसे ऑडियो को चलने से नहीं रोक पाए, जो कि उन्हें रोकना चाहिए था. प्रबंधन ने तीन दिन के भीतर चालक व परिचालक से स्पष्टीकरण मांगा था. मामले में 25 नवंबर को चालक व परिचालक को नोटिस जारी किया गया था और तीन दिन में जवाब देने को कहा गया. जवाब दाखिल न होने की स्थिति में विभागीय कार्रवाई की भी बात कही गई थी. चालक टेक राज और परिचालक शेषराम ने इस मामले में अपना पक्ष रख दिया था.