इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री की जाति को लेकर एक याचिका दायर की गई है. इस याचिका को फिलहाल हाई कोर्ट ने एक्सेप्ट नहीं किया है लेकिन इसके स्वीकार होते ही आने वाले दिनों में सुनवाई होगी. मंत्री की जाति को लेकर याचिकाकर्ता ने कई तरह के सवाल खड़े किए हैं. बता दें कि राजगढ़ जिले के सारंगपुर से विधायक गौतम टेटवाल की जाति को लेकर याचिका दायर की गई है. गौतम टेटवाल वर्तमान में मध्य प्रदेश शासन में कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) हैं.
मंत्रीजी की जाति एससी या ओबीसी
हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में मंत्री गौतम टेटवाल की एससी जाति के सर्टिफिकेट को लेकर सवाल उठाए गए हैं. बता दें कि वर्तमान में जो जाति प्रमाण पत्र उनके लिए इशू किया गया है वह एससी कैटेगरी का है लेकिन जो उनकी ओरिजिनल जाती है डॉक्यूमेंट के अनुसार वो जिनकर जाति के हैं और यह ओबीसी यानि पिछड़ा वर्ग में आती है. इनके रिश्तेदारों के रिकॉर्ड बताते हैं कि वे सभी ओबीसी जाति के हैं.
जिनगर जाति से आते हैं मंत्रीजी के रिश्तेदार
मंत्री गौतम टेटवाल के जो शैक्षणिक रिकार्ड हैं. इसके बाद उनके ग्रैंडफादर और पिता, उनके कुछ रिलेटिव उनकी सिस्टर, कजिन सिस्टर, अंकल, ये सभी गवर्नमेंट सर्विस और शिक्षा विभाग में रहे हैं और जो सर्विस रिकॉर्ड के दस्तावेज हैं वह सभी यह बताते हैं कि उनकी जाति जिनगर रही है. यह जाति ओबीसी श्रेणी में है.
स्क्रीनिंग कमेटी ने जाति को बताया है एससी
मंत्री गौतम टेटवाल की अनुसूचित जाति को लेकर इन सभी दस्तावेजों को इकट्ठा करके शिकायत की जा चुकी है. यह शिकायत स्क्रीनिंग कमेटी के पास पहुंची थी. जांच के बाद स्क्रीनिंग कमेटी ने उनकी जाति को एससी कैटेगरी का बताया था लेकिन याचिकाकर्ता ने इसमें आपत्ति जताई थी. आपत्ति यह थी कि छानबीन समिति को याचिकाकर्ता ने जो भी दस्तावेज उपलब्ध कराए थे वे सभी दस्तावेज आरटीई के माध्यम से निकलवाए गए थे लेकिन स्क्रीनिंग कमेटी ने शिकायतकर्ता को इन दस्तावेजों के साथ बुलाया ही नहीं और एकतरफा निर्णय दे दिया.