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वन नेशन-वन इलेक्शन पर JPC की तीसरी बैठक, पूर्व चीफ जस्टिस समेत कानूनी जानकार ने दिए सुझाव - JPC MEETING

वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए संशोधन बिल को लेकर जेपीसी की तीसरी बैठक हुई. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 25, 2025, 8:21 PM IST

Updated : Feb 25, 2025, 9:25 PM IST

नई दिल्ली: वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए संशोधन बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की तीसरी बैठक मंगलवार को कमिटी के अध्यक्ष पीपी चौधरी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में पूर्व चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित, लॉ कमीशन के पूर्व अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी समेत 4 लॉ एक्सपर्ट्स ने कमेटी के सामने सुझाव दिए.

अब तक कमेटी की दो बैठकें हो चुकी हैं. इस बिल पर कानून मंत्रालय ने संसद की संयुक्त समिति को बताया है कि, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से लोकतंत्र कमजोर नहीं होगा. ना ही संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचेगा. समिति इस समय 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' से जुड़े विधेयकों पर विचार कर रही है.

वन नेशन वन इलेक्शन: जेपीसी की तीसरी बैठक पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट (ETV Bharat)

कानून मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया है कि एक साथ चुनाव कराने से राजनीति में नए चेहरों के लिए रास्ते भी खुलेंगे वन नेशन वन इलेक्शन पर बनाई गई ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित ने भी कई बातें रखीं. सूत्रों की माने तो उन्होंने कहा कि इसे चरणबद्ध तरीके से रखा जाए ताकि जो समस्या आए उसका आसानी से हल निकाला जा सके.

सूत्रों की माने तो यू यू ललित ने कहा कि बिल के 82A अमेंडमेंट में may की जगह shall कर देना चाहिए ताकि आगे इसमें कोई बदलाव ना किया जा सके. उन्होंने इस बिल की खामियों को दूर करने की बात कही. उन्होंने कहा कि, खामियों को दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाना संभव हो पाएगा. सूत्रों की माने तो उन्होंने ये भी कहा कि, विधानसभा का कार्यकाल को छोटा करना एक ऐसा विषय है जिसे हल करने की आवश्यकता है वरना इसको कानूनी चैलेंज किया जा सकता है.

सूत्रों की माने तो कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग के पास इतनी बड़ी संख्या में ईवीएम है कि, सीमेलटेनियस चुनाव कराया जा सके. उन्होंने सवाल उठाया कि, ईवीएम की देखरेख और रखरखाव इतनी बड़ी संख्या में कैसे हो पाएगा.

एलजेपी सांसद सांभवी चौधरी ने पूछा कि, एक बार चुनाव का टेन्योर फिक्सिंग होने पर जनता के प्रति जवाबदेही पर असर नहीं पड़ेगा. एक बार सरकार बनने के बाद लोगों के प्रति सरकारों के अकाउंटेबिलिटी कैसे तय कर पाएंगे.

सूत्रों की माने तो बैठक में मिड टर्म पोल और हंग पार्लियामेंट की स्थिति पर भी सवाल उठाए गए, जिस पर कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वो अगली बैठक में तैयारी के साथ इसका जवाब देंगे. फॉर्मर जस्टिस और लॉ कमीशन के पूर्व चेयरमैन ऋतुराज अवस्थी ने बिल का समर्थन किया और उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन में कहा कि एक साथ चुनाव कराए जाने से देश का संसाधन और पैसे की बड़ी बचत होगी.

ये भी पढ़ें: 'जरूरी नहीं नेता प्रतिपक्ष के विचारों को कॉपी पेस्ट किया जाए' वक्फ बिल पर विपक्ष के हंगामे पर बोले एसपी बघेल

नई दिल्ली: वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए संशोधन बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की तीसरी बैठक मंगलवार को कमिटी के अध्यक्ष पीपी चौधरी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में पूर्व चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित, लॉ कमीशन के पूर्व अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी समेत 4 लॉ एक्सपर्ट्स ने कमेटी के सामने सुझाव दिए.

अब तक कमेटी की दो बैठकें हो चुकी हैं. इस बिल पर कानून मंत्रालय ने संसद की संयुक्त समिति को बताया है कि, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से लोकतंत्र कमजोर नहीं होगा. ना ही संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचेगा. समिति इस समय 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' से जुड़े विधेयकों पर विचार कर रही है.

वन नेशन वन इलेक्शन: जेपीसी की तीसरी बैठक पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट (ETV Bharat)

कानून मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया है कि एक साथ चुनाव कराने से राजनीति में नए चेहरों के लिए रास्ते भी खुलेंगे वन नेशन वन इलेक्शन पर बनाई गई ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित ने भी कई बातें रखीं. सूत्रों की माने तो उन्होंने कहा कि इसे चरणबद्ध तरीके से रखा जाए ताकि जो समस्या आए उसका आसानी से हल निकाला जा सके.

सूत्रों की माने तो यू यू ललित ने कहा कि बिल के 82A अमेंडमेंट में may की जगह shall कर देना चाहिए ताकि आगे इसमें कोई बदलाव ना किया जा सके. उन्होंने इस बिल की खामियों को दूर करने की बात कही. उन्होंने कहा कि, खामियों को दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाना संभव हो पाएगा. सूत्रों की माने तो उन्होंने ये भी कहा कि, विधानसभा का कार्यकाल को छोटा करना एक ऐसा विषय है जिसे हल करने की आवश्यकता है वरना इसको कानूनी चैलेंज किया जा सकता है.

सूत्रों की माने तो कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग के पास इतनी बड़ी संख्या में ईवीएम है कि, सीमेलटेनियस चुनाव कराया जा सके. उन्होंने सवाल उठाया कि, ईवीएम की देखरेख और रखरखाव इतनी बड़ी संख्या में कैसे हो पाएगा.

एलजेपी सांसद सांभवी चौधरी ने पूछा कि, एक बार चुनाव का टेन्योर फिक्सिंग होने पर जनता के प्रति जवाबदेही पर असर नहीं पड़ेगा. एक बार सरकार बनने के बाद लोगों के प्रति सरकारों के अकाउंटेबिलिटी कैसे तय कर पाएंगे.

सूत्रों की माने तो बैठक में मिड टर्म पोल और हंग पार्लियामेंट की स्थिति पर भी सवाल उठाए गए, जिस पर कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वो अगली बैठक में तैयारी के साथ इसका जवाब देंगे. फॉर्मर जस्टिस और लॉ कमीशन के पूर्व चेयरमैन ऋतुराज अवस्थी ने बिल का समर्थन किया और उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन में कहा कि एक साथ चुनाव कराए जाने से देश का संसाधन और पैसे की बड़ी बचत होगी.

ये भी पढ़ें: 'जरूरी नहीं नेता प्रतिपक्ष के विचारों को कॉपी पेस्ट किया जाए' वक्फ बिल पर विपक्ष के हंगामे पर बोले एसपी बघेल

Last Updated : Feb 25, 2025, 9:25 PM IST
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