नई दिल्ली: नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन-आईएम) ने असम राइफल्स पर कुकी उग्रवादियों को बढ़ावा देने के साथ म्यांमार से अवैध कुकी प्रवासियों को लाने का आरोप लगाया.
एनएससीएन (आईएम) ने ईटीवी भारत को भेजे एक बयान में कहा, "असम राइफल्स (एआर) कुकी उग्रवादियों के साथ अपने नापाक गठजोड़ के लिए कुख्यात है, जो उन्हें हर संभव तरीके से रसद और सामग्री की मदद करती है. एआर अवैध कुकी प्रवासियों का परिवहन भी करता है, जिसमें केएनए (बी) को हर तरह की मदद देना भी शामिल है."
नगा विद्रोही संगठन एनएससीएन-आईएम जो पिछले कई दशकों से भारत सरकार के साथ राजनीतिक बातचीत कर रहा है, 22 फरवरी को हुई एक घटना के संबंध में यह आरोप लगाया. जब एआर की एक टीम कथित तौर पर सेनापति जिले में कुकी उग्रवादियों की आवाजाही में मदद करती पाई गई थी.
संगठन ने कहा, "22 फरवरी की अंधेरी रात में जो हुआ, जब असम राइफल्स को महासचिव एरन किपगेन ( Aron Kipgen) के नेतृत्व वाले कुकी उग्रवादी समूह, कुकी नेशनल फ्रंट (पी) को गलत तरीके से ले जाते हुए पकड़ा गया, यह एक और घटना है जिसमें एआर को उनके अनैतिक आचरण के लिए रंगे हाथों पकड़ा गया."
असम राइफल्स की मदद से कुकी उग्रवादियों की कथित आवाजाही के मुद्दे को उठाते हुए, दिल्ली मैतेई समन्वय समिति (डीएमसीसी) ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को एक ज्ञापन सौंपकर कुकी उग्रवादियों के लिए ऐसी सुविधा को रोकने और निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की. उन्होंने मणिपुर हिंसा में शामिल सांप्रदायिक ताकतों और कुकी उग्रवादियों के सभी समर्थन और संरक्षण को रोकने की भी मांग की.
डीएमसीसी ने कहा, "सभी विस्थापित लोगों, कुकी और मैतेई दोनों को इंफाल के साथ-साथ मणिपुर के सभी पहाड़ी जिलों में उनके मूल स्थानों पर बसाया जाए. सुरक्षा बलों द्वारा कुकी उग्रवादियों के बंकरों की सुरक्षा बंद की जाए और मध्य घाटी के आसपास के सभी कुकी बंकरों को नष्ट किया जाए."
कुकी-जो काउंसिल ने की परामर्श बैठक
इस बीच, कुकी-जो काउंसिल (Kuki-Zo Council) ने मणिपुर में राजनीतिक रोडमैप पर कुकी-जो नेताओं के परामर्श का आयोजन किया. सभी जनजातियों और प्रमुख संगठनों के नेताओं ने बैठक में भाग लिया और राजनीतिक समाधान के रोडमैप पर विचार-विमर्श किया.
कुकी-जो काउंसिल के एक वरिष्ठ सदस्य ने ईटीवी भारत को बताया कि कुकी-जो काउंसिल के अध्यक्ष हेनलियानथांग (Henlianthang) ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239A के तहत केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अलग प्रशासन की मांग की पुष्टि करते हुए एक घोषणा की.
बैठक के दौरान एक राजनीतिक प्रस्ताव अपनाया गया, जिसमें कहा गया, "हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि वह शांति और न्याय के लिए एक समयबद्ध राजनीतिक रोडमैप तैयार करे, जिसमें कुकी-जो लोगों की आकांक्षाओं और चिंताओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 के आधार पर हमारी भूमि के भीतर विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश के रूप में एक अलग प्रशासन बनाया जाए."
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने किया मणिपुर का दौरा
इस बीच, भारतीय सेना के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने भारत-म्यांमार सीमा (IMB) पर स्थिति की व्यापक समीक्षा करने और राज्य में चल रहे सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए सोमवार और मंगलवार को मणिपुर का दौरा किया.
इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल घई ने मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, राज्य सुरक्षा सलाहकार, मणिपुर के मुख्य सचिव और मणिपुर के पुलिस महानिदेशक से मुलाकात की.
एक अधिकारी ने कहा, "डीजीएमओ ने भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया, भारत-म्यांमार सीमा (IMB) पर सुरक्षा स्थिति और सीमांत क्षेत्रों सहित राज्य में मौजूदा सुरक्षा गतिविधियों का आकलन किया."
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने प्रमुख हितधारकों के साथ बातचीत के दौरान 'सरकार के समग्र दृष्टिकोण' पर भी जोर दिया. अधिकारी ने कहा, "चर्चा राज्य में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को सामान्य बनाने, विशेष रूप से सीमा प्रबंधन को बढ़ाने और IMB पर सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत पर केंद्रित थी."
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