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बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन को हाईकोर्ट से झटका, याचिका खारिज, जानें पूरा मामला - LAKSHYA SEN PLEA REJECTED

लक्ष्य सेन पर बैडमिंटन टूर्नामेंट के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए उम्र कम दिखाने और फर्जी आयु प्रमाणपत्र पेश करने का आरोप है.

Karnataka HC Rejects Badminton Player Lakshya Sen Plea to Quash FIR
बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन (File Photo - ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 25, 2025, 8:38 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने जाने माने बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन, उनके परिवार के सदस्यों और कोच यू. विमल कुमार के खिलाफ उम्र को लेकर धोखाधड़ी के आरोपों पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है.

जस्टिस एमजी उमा की पीठ ने 19 फरवरी को सेन और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया, जिसमें बेंगलुरु में 8वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) कोर्ट में संबंधित कार्यवाही और एफआईआर को खारिज करने की मांग की गई थी.

लक्ष्य सेन पर उम्र कम दिखाने का आरोप
आरोप है कि लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन टूर्नामेंट के लिए अर्हता प्राप्त करने और सरकारी लाभ प्राप्त करने के लिए अपनी उम्र 2.5 साल कम कर ली. दावा किया जाता है कि उन्होंने कथित तौर पर कर्नाटक बैडमिंटन एसोसिएशन को गलत जानकारी के साथ फर्जी आयु प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया.

शिकायतकर्ता एमजी नागराज ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के जरिये भारतीय खेल प्राधिकरण से आधिकारिक दस्तावेज हासिल किए और बाद में एक निजी शिकायत दर्ज की. इसके आधार पर, एसीएमएम कोर्ट ने बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन को एफआईआर दर्ज करने और जांच शुरू करने का निर्देश दिया.

हाईकोर्ट का फैसला
बाद में लक्ष्य सेन ने कर्नाटक हाईकोर्ट ने याचिका दायर कर एफआईआर रद्द की मांग की. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान, सेन की पैरवी करने वाले वकीलों ने तर्क दिया कि एफआईआर और निजी शिकायत निराधार थी और बैडमिंटन खिलाड़ी को परेशान करने के इरादे से की गई थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने पाया कि शिकायतकर्ता की ओर से पर्याप्त दस्तावेजी सबूत पेश किए गए हैं, जिससे इस स्तर पर मामले को खारिज करना उचित नहीं है.

हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद लक्ष्य सेन और अन्य आरोपियों ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

यह भी पढ़ें- भारत से भी जल्द वापस भेजे जाएंगे अवैध घुसपैठिए, डेडलाइन तय

बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने जाने माने बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन, उनके परिवार के सदस्यों और कोच यू. विमल कुमार के खिलाफ उम्र को लेकर धोखाधड़ी के आरोपों पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है.

जस्टिस एमजी उमा की पीठ ने 19 फरवरी को सेन और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया, जिसमें बेंगलुरु में 8वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) कोर्ट में संबंधित कार्यवाही और एफआईआर को खारिज करने की मांग की गई थी.

लक्ष्य सेन पर उम्र कम दिखाने का आरोप
आरोप है कि लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन टूर्नामेंट के लिए अर्हता प्राप्त करने और सरकारी लाभ प्राप्त करने के लिए अपनी उम्र 2.5 साल कम कर ली. दावा किया जाता है कि उन्होंने कथित तौर पर कर्नाटक बैडमिंटन एसोसिएशन को गलत जानकारी के साथ फर्जी आयु प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया.

शिकायतकर्ता एमजी नागराज ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के जरिये भारतीय खेल प्राधिकरण से आधिकारिक दस्तावेज हासिल किए और बाद में एक निजी शिकायत दर्ज की. इसके आधार पर, एसीएमएम कोर्ट ने बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन को एफआईआर दर्ज करने और जांच शुरू करने का निर्देश दिया.

हाईकोर्ट का फैसला
बाद में लक्ष्य सेन ने कर्नाटक हाईकोर्ट ने याचिका दायर कर एफआईआर रद्द की मांग की. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान, सेन की पैरवी करने वाले वकीलों ने तर्क दिया कि एफआईआर और निजी शिकायत निराधार थी और बैडमिंटन खिलाड़ी को परेशान करने के इरादे से की गई थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने पाया कि शिकायतकर्ता की ओर से पर्याप्त दस्तावेजी सबूत पेश किए गए हैं, जिससे इस स्तर पर मामले को खारिज करना उचित नहीं है.

हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद लक्ष्य सेन और अन्य आरोपियों ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

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