शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते रविवार को हुई बर्फबारी के बाद पहाड़ों पर तेजी से पारा गिरा है. पहाड़ी इलाकों में तापमान जमाव बिंदु से नीचे गिर गया है. वहीं, मैदानी इलाकों में भी पारा तेजी से लुढ़का है. सुबह शाम कंपाने वाली ठंड पड़ रही है.
बीते रविवार के बाद हुई बर्फबारी के बाद से अब तक प्रदेश में मौसम साफ बना हुआ है. बीते 24 घंटे में प्रदेश में कहीं बारिश नहीं हुई है. लाहौल स्पीति के गोंधला में हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है. वहीं, मंडी के कुछ क्षेत्रों में हल्का कोहरा देखने को मिला है. मौसम विभाग ने 12 दिसंबर को उच्च पर्वतीय क्षेत्रों लाहौल-स्पीति, चंबा, कुल्लू, किन्नौर, कांगडा में अलग अलग स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना जताई थी, लेकिन आज शिमला समेत अन्य क्षेत्रों में धूप खिली रही.
ऐसा रहेगा आने वाले दिनों में मौसम
वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले सात दिनों तक पूरे प्रदेश में मौमस साफ बना रहेगा. 18 दिसंबर तक बारिश-बर्फबारी की कोई संभावना नहीं है. मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के कई हस्सों में न्यूनतम तापमान में कोइ बड़ा बदलाव नहीं हुआ है.
शून्य से नीचे लुढ़का कई शहरों का तपामान
बीते 24 घंटे में सबसे कम न्यूनतम तापमान ताबो में -11.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. वहीं, सबसे अधिक तापमान ऊना में 24.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. हिमाचल में कई शहरों का तापमान शून्य से नीचे या उसके आस-पास चल रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों तक तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा. उसके बाद अगले 4-5 दिनों तक राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम-अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है.
हिमाचल के विभिन्न शहरों का न्यूनतम तापमान
शहर
न्यूनतम तापमान(डिग्री सेल्सियस में)
शिमला
5.0
सुंदरनगर
1.2
भुंतर
1.0
कल्पा
-1.8
धर्मशाला
3.4
सोलन
0.8
मनाली
3.9
मंडी
2.4
बिलासपुर
2.3
हमीरपुर
1.2
चंबा
6.2
कुकुमसेरी
-5.0
ताबो
-11.3
बजौरा
0.7
बारिश बर्फबारी के इंतजार में बागवान-किसान
प्रदेश में रविवार और सोमवार को कुल्लू, शिमला, लाहौल-स्पीति, चंबा, कांगड़ा में हिमपात हुआ था. इसके साथ ही मैदानी इलाकों में बारिश भी हुई थी. इसके बाद से मौसम साफ बना हुआ है. आने वाले दिनों में भी बारिश बर्फबारी की संभावना नहीं है. किसान-बागवान अभी भी बारिश और बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि रविवार को हुई बारिश और बर्फबारी गेहूं और अन्य फसलों के लिए काफी नहीं है.