नई दिल्ली: दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर आगामी 25 मई को मतदान होगा. सोमवार से लोकसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनावी दंगल में उतरे हैं. टिकट ऐलान के बाद से कई सीटों पर कांग्रेसी नेताओं की नाराजगी सामने आई थी जो कि अब खुलकर सामने आ रही है. शीला सरकार में मंत्री रहे राजकुमार चौहान तो नाराजगी के चलते पार्टी को अलविदा भी कर चुके हैं.
इसके बाद पार्टी को डर सता रहा है कि कहीं और नाराज नेता चुनाव के बीच पार्टी छोड़कर ना चले जाएं. अब रूठे नेताओं को जल्द से जल्द मनाने को लेकर कवायद की जा रही है. पार्टी सूत्रों की माने तो चुनाव के वक्त किसी भी नेता की किसी मुद्दे पर नाराजगी पैदा होना स्वाभाविक है. लोकसभा चुनाव बड़ा चुनाव होता है और इसकी दावेदारी में भी कई लोग होते हैं. लेकिन हर दावेदार को टिकट दे पाना पार्टी नेतृत्व के लिए संभव नहीं होता है. हाल ही में उपजे राजनीतिक विरोध की बात करें तो राजकुमार चौहान ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर गहरी नाराजगी जताई है.
टिकट न मिलने से कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके राजकुमार चौहान नाराज
दिल्ली की कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके राजकुमार चौहान नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट (एससी आरक्षित) से टिकट के सशक्त दावेदार माने जा रहे थे. इस सीट से कांग्रेस ने बीजेपी के पूर्व सांसद डॉ. उदित राज को टिकट दिया है. इसके बाद से चौहान और उसके समर्थक काफी नाराज हो गए. इस नाराजगी की चलते संसदीय क्षेत्र के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पिछले दिनों प्रदेश मुख्यालय पर डॉ. उदित राज के खिलाफ नारेबाजी भी की थी. इसके बाद से पार्टी में विवाद थमने की बजाय और ज्यादा हो गया. इस विवाद के बीच राजकुमार चौहान कांग्रेस पार्टी यह कह कर छोड़ गए कि उनके साथ प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने दुर्व्यवहार किया है. इस मामले में उन्होंने एक वीडियो जारी कर कांग्रेस प्रभारी बाबरिया पर कई गंभीर आरोप भी लगाए.
मामला यहीं शांत होता नजर नहीं आ रहा है. इस संसदीय क्षेत्र की बवाना विधानसभा सीट से पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार भी पार्टी से नाराज चल रहे हैं. किसी स्थानीय नेता की बजाय डॉ. उदित राज को टिकट दिए जाने पर उनकी नाराजगी भी सामने आ चुकी है. सुरेंद्र कुमार और पार्टी के कई नेता शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले से खफा हैं. सुल्तानपुरी से पूर्व विधायक जयकिशन भी पार्टी फैसले से नाराज हैं.