भोपाल :मध्यप्रदेश पुलिस में लाए जा रहे इस क्रांतिकारी बदलाव की बदौलत निश्क्तजन/दिव्यांगजन जो अपनी समस्याओं को बता नहीं पाते थे, वे भी कानून की आसानी से मदद ले सकेंगे. ऐसे में पुलिस दिव्यांगजनों के साथ हो रहे अपराधों पर और प्रभावी ढंग से नियंत्रण रख पाएगी. साथ ही कई अपराधों में साइन लैंग्वेज के जरिए दिव्यांगजनों की मदद भी ले पाएगी.
दिव्यांगजनों के हित में फैसला
इस फैसले को लेकर निशक्तजन कल्याण कमिश्नर संदीप रजक ने कहा, '' यह निर्णय दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत लिया गया है. पुलिसकर्मी ट्रेनिंग पाकर अब साइन लैंग्वेज की मदद से दिव्यांगजनों की बातों को आसानी से समझ पाएंगे. इससे दिव्यांगजनों के साथ अच्छा व्यवहार भी सुनिश्चित होगा.'' गौरतलब है कि इस क्रांतिकारी बदलाव के पीछे निशक्तजन कल्याण कमिश्नर संदीप रजक की अहम भूमिका रही है.
बात समझने में होती है परेशानी
अक्सर पुलिस कर्मियों को दिव्यांगजनों की समस्याएं समझने में परेशानी होती है. कई दिव्यांग जो बोल या सुन नहीं पाते, वे अपने साथ घटी घटना के बारे में भी पुलिस को नहीं बता पाते. ऐसे में हर क्षेत्र में साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट भी मौजूद नहीं होते, जिससे दिव्यांगों के साथ न्याय नहीं हो पाता. पर अब पुलिस ट्रेनिंग में साइन लैंग्वेज शामिल होने से ऐसा नहीं होगा.