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साइन लैंग्वेज सीखेगी मध्यप्रदेश पुलिस, दिव्यांगों को मिली नई आवाज, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना एमपी - Sign language in police training

मध्यप्रदेश पुलिस की ट्रेनिंग में एक क्रांतिकारी बदलाव आया है. मध्य प्रदेश सरकार पुलिस कर्मियों को अब साइन लैंग्वेज सिखाएगी, जिससे पुलिस अधिकारी-कर्मचारी दिव्यांगजनों की समस्याओं को आसानी से समझ सकेंगे. इसी के साथ मध्यप्रदेश पुलिस ट्रेनिंग में साइन लैंग्वेज शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.

SIGN LANGUAGE IN POLICE TRAINING
साइन लैंग्वेज सीखेगी मध्यप्रदेश पुलिस (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 8, 2024, 4:38 PM IST

Updated : Sep 8, 2024, 4:56 PM IST

भोपाल :मध्यप्रदेश पुलिस में लाए जा रहे इस क्रांतिकारी बदलाव की बदौलत निश्क्तजन/दिव्यांगजन जो अपनी समस्याओं को बता नहीं पाते थे, वे भी कानून की आसानी से मदद ले सकेंगे. ऐसे में पुलिस दिव्यांगजनों के साथ हो रहे अपराधों पर और प्रभावी ढंग से नियंत्रण रख पाएगी. साथ ही कई अपराधों में साइन लैंग्वेज के जरिए दिव्यांगजनों की मदद भी ले पाएगी.

दिव्यांगजनों के हित में फैसला

इस फैसले को लेकर निशक्तजन कल्याण कमिश्नर संदीप रजक ने कहा, '' यह निर्णय दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत लिया गया है. पुलिसकर्मी ट्रेनिंग पाकर अब साइन लैंग्वेज की मदद से दिव्यांगजनों की बातों को आसानी से समझ पाएंगे. इससे दिव्यांगजनों के साथ अच्छा व्यवहार भी सुनिश्चित होगा.'' गौरतलब है कि इस क्रांतिकारी बदलाव के पीछे निशक्तजन कल्याण कमिश्नर संदीप रजक की अहम भूमिका रही है.

निशक्तजन कल्याण कमिश्नर संदीप रजक (Etv Bharat)

बात समझने में होती है परेशानी

अक्सर पुलिस कर्मियों को दिव्यांगजनों की समस्याएं समझने में परेशानी होती है. कई दिव्यांग जो बोल या सुन नहीं पाते, वे अपने साथ घटी घटना के बारे में भी पुलिस को नहीं बता पाते. ऐसे में हर क्षेत्र में साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट भी मौजूद नहीं होते, जिससे दिव्यांगों के साथ न्याय नहीं हो पाता. पर अब पुलिस ट्रेनिंग में साइन लैंग्वेज शामिल होने से ऐसा नहीं होगा.

दिव्यांगों से बेहतर तरीके से कर पाएंगे बात

मोहन यादव सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों को साइन लैंग्वेज की ट्रेनिंग दिए जाने से वे दिव्यांगों से उनकी भाषा में बात कर पाएंगे. इस टू वे कम्यूनिकेशन से दिव्यांग भी संतुष्ट होंगे और उन्हें एहसास होगा कि उनकी बात सामने वाले तक पहुंची है और उसे सुना भी जा रहा है.

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दिव्यांगों की सुरक्षा बढ़ेगी

इस फैसले को लेकर प्रदेश सरकार का मानना है कि पुलिस के साइन लैंग्वेज सीखने से दिव्यांगों की रक्षा तो होगी ही, साथ ही उनके साथ अपराध और बदसलूकी की घटनाएं भी कम होंगी. ये कदम समाज में एक सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा.

Last Updated : Sep 8, 2024, 4:56 PM IST

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