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हरदा ब्लास्ट के पीड़ितों के जख्मों पर सालभर बाद मरहम, घायलों को कोई नहीं पूछ रहा - HARDA BLAST VICTIMS COMPENSATION

हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख राशि मिली. घायल अभी भी मदद के इंतजार में हैं.

Harda blast victims compensation
हरदा ब्लास्ट के पीड़ितों के जख्मों पर सालभर बाद मरहम (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 15, 2025, 10:44 AM IST

हरदा : हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट के 11 महीने बाद मृतकों के परिजनों का संघर्ष आखिरकार रंग लाया. पीड़ित परिजनों को मदद के रूप में 15-15 लाख की राशि मिल गई. हालांकि घायलों को अभी भी मदद राशि का इंतजार है. मंगलवार को 9 मृतकों के परिजनों के खाते में राशि ट्रांसफर करा दी गई है. जिला प्रशासन के अनुसार 4 मृतकों के परिजनों की इतनी ही राशि पहले ही दी जा चुकी है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर अमल

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने 15-15 लाख रुपये पीड़ित परिजनों के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर कराई. हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह ने बताया "एनजीटी के आदेश के मद्देनजर दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है. अभी तक सभी 13 मृतकों के परिजनों को सहायता राशि का भुगतान कर दिया गया है." वहीं, हादसे में गंभीर रूप घायल हुए लोगों को अभी भी सहायता राशि नहीं मिली है. इन लोगों को अभी भी मदद का इंतजार है.

घायलों की मदद के लिए भी संघर्ष जारी रहेगा

गौरतलब है कि पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के घायलों को शुरू में कुछ सहायता राशि मिली थी, लेकिन कई घायल ऐसे हैं जिनके परिवार मे कमाने वाला कोई नहीं है. अब उन्हें घर चलाना मुश्किल हो रहा है. ये पीड़ित भी सरकार से आस लगाए हुए हैं. वहीं, हरदा विधायक डॉ. आर के दोगने ने बताया "हम ब्लास्ट के पीड़ितों के लिए लड़ रहे है. सभी को उनका हक दिलवाएंगे. इस प्रयास में कलेक्टर भी लगे हुए हैं. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद पीड़ित परिजनों को मदद राशि मिल सकी है."

हरदा विधायक डॉ. आर के दोगने (ETV BHARAT)

हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट पर एक नजर

बता दें कि बीते साल 6 फरवरी 2024 को हरदा के मगरदा रोड पर वार्ड नं 31 बैरागढ़ स्थित पटाखा फैक्ट्री में सुबह भीषण ब्लास्ट हुआ था. विस्फोट इतना भयंकर था कि इसकी आवाजें 40 किमी दूर तक सुनी गई थी. हादसे में करीब 70 मकान भी तबाह हो गए थे. इस हादसे में वहां काम कर रहे 13 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा था. इसके साथ ही 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. कुछ घायलों की हालत बहुत गंभीर थी. बाद में पुलिस ने फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल व रफीक खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तभी से मृतकों के परिजन मुआवजा के लिए संघर्ष कर रहे थे.

हरदा : हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट के 11 महीने बाद मृतकों के परिजनों का संघर्ष आखिरकार रंग लाया. पीड़ित परिजनों को मदद के रूप में 15-15 लाख की राशि मिल गई. हालांकि घायलों को अभी भी मदद राशि का इंतजार है. मंगलवार को 9 मृतकों के परिजनों के खाते में राशि ट्रांसफर करा दी गई है. जिला प्रशासन के अनुसार 4 मृतकों के परिजनों की इतनी ही राशि पहले ही दी जा चुकी है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर अमल

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने 15-15 लाख रुपये पीड़ित परिजनों के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर कराई. हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह ने बताया "एनजीटी के आदेश के मद्देनजर दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है. अभी तक सभी 13 मृतकों के परिजनों को सहायता राशि का भुगतान कर दिया गया है." वहीं, हादसे में गंभीर रूप घायल हुए लोगों को अभी भी सहायता राशि नहीं मिली है. इन लोगों को अभी भी मदद का इंतजार है.

घायलों की मदद के लिए भी संघर्ष जारी रहेगा

गौरतलब है कि पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के घायलों को शुरू में कुछ सहायता राशि मिली थी, लेकिन कई घायल ऐसे हैं जिनके परिवार मे कमाने वाला कोई नहीं है. अब उन्हें घर चलाना मुश्किल हो रहा है. ये पीड़ित भी सरकार से आस लगाए हुए हैं. वहीं, हरदा विधायक डॉ. आर के दोगने ने बताया "हम ब्लास्ट के पीड़ितों के लिए लड़ रहे है. सभी को उनका हक दिलवाएंगे. इस प्रयास में कलेक्टर भी लगे हुए हैं. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद पीड़ित परिजनों को मदद राशि मिल सकी है."

हरदा विधायक डॉ. आर के दोगने (ETV BHARAT)

हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट पर एक नजर

बता दें कि बीते साल 6 फरवरी 2024 को हरदा के मगरदा रोड पर वार्ड नं 31 बैरागढ़ स्थित पटाखा फैक्ट्री में सुबह भीषण ब्लास्ट हुआ था. विस्फोट इतना भयंकर था कि इसकी आवाजें 40 किमी दूर तक सुनी गई थी. हादसे में करीब 70 मकान भी तबाह हो गए थे. इस हादसे में वहां काम कर रहे 13 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा था. इसके साथ ही 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. कुछ घायलों की हालत बहुत गंभीर थी. बाद में पुलिस ने फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल व रफीक खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तभी से मृतकों के परिजन मुआवजा के लिए संघर्ष कर रहे थे.

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