भोपाल।मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 में से 29 सीटें जीतने के बाद बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की पहली बैठक आयोजित की गई. पूर्ण विजय के ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए कार्यकर्ताओं के समर्पण और जनता के समर्थन के लिए बैठक में आभार व्यक्त किया गया. साथ ही हार वाले क्षेत्रों पर चिंता जताते हुए मंथन किया गया.बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि कार्यसमिति सदस्य बीजेपी की कार्यपद्धति में प्रवास के कार्यक्रम को न भूलें. एक रात कार्यकर्ताओं के बीच रूके. अपने अहंकार को समाप्त करके, सामाजिक विकास के लिए समर्पित होकर काम करें.
बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को जीत का श्रेय
भोपाल के रविन्द्र भवन में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सभी 29 सीटें जीतने का श्रेय प्रदेश के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को दिया. उन्होंने ग्वालियर-चंबल, विन्ध्य क्षेत्र में वोट प्रतिशत कम होने और लोकसभा में 7 विधानसभा सीटों पर हारने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि "इंदौर संभाग में भी चिंता करने की जरूरत है. चुनाव में हर 80.56 बूथ पर बीजेपी जीती है, इसलिए अब बाकी 20 फीसदी बूथ पर जीत का संकल्प लेकर मैदान में उतरें."
कार्यसमिति में जीत का नया संकल्प
बैठक में कार्यसमिति को संबोधित करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्माने कहा कि "प्रदेश के 29 हजार 523 बूथों के कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है कि लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश के इतिहास की रिकॉर्ड जीत दर्ज हुई है. यह जीत प्रधानमंत्री मोदी, केन्द्र की योजनाओं और प्रदेश सरकार की योजनाओं के साथ कार्यकर्ताओं की मेहतन का नतीजा है कि हमने सभी 29 सीटें जीती हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में हमने हर बूथ पर 10 फीसदी वोट प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य रखा था तब 8 फीसदी वोट प्रतिशत बूथ पर बढ़ा था. इस बार लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में बीजेपी का वोट बैंक 1.27 फीसदी बढ़ा है. 2019 में मध्यप्रदेश में बीजेपी का वोट प्रतिशत 58 फीसदी था जबकि इस बार 59.27 फीसदी वोट प्रतिशत रहा. अनुसूचित जनजाति का डेढ़ प्रतिशत वोट ज्यादा मिला है. इस बार लोकसभा चुनाव में 80.56 बूथ पर हमने जीत का रिकॉर्ड बनाया है. अब बचे हुए 20 फीसदी बूथ पर जीत का संकल्प लेकर जाना है."
इन सीटों के नतीजों पर चिंता
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि "प्रदेश की 7 विधानसभा ऐसी हैं जिसमें विधानसभा में जीते ,लेकिन लोकसभा में हार गए. इसकी समीक्षा करने की जरूरत है. ग्वालियर-चंबल में वोट शेयर और बढ़ने की जरूरत है. विन्ध्य क्षेत्र में 1 सीट हारे, लेकिन 2 प्रतिशत वोट शेयर कम हुआ है. इंदौर संभाग में एक सीट हारे, लेकिन वहां भी वोट प्रतिशत कम हुआ है. यहां चिंता करने की जरूरत है. सागर संभाग में सभी सीटें जीते, यहां 67 प्रतिशत वोट मिला है जो अपने आप में ऐतिहासिक है."