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पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा संवेदनशील मतदान केंद्र दौसा में थे, इस बार यह है जमीनी हकीकत - Lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

लोकसभा चुनाव 2024 निर्वाचन विभाग शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए तैयारियों में जुटा है. संवेदनशील मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न कराना सबसे बड़ी चुनौती होती है. इस बार भरतपुर में 834 संवेदनशील मतदान केंद्र हैं.

Lok sabha election 2024
Lok sabha election 2024

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 8, 2024, 7:33 PM IST

भरतपुर.लोकसभा चुनाव 2024 का पहले चरण का मतदान आज से ठीक 10 दिन बाद 19 अप्रैल को होगा. निर्वाचन विभाग शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए तैयारियों में जुटा है. विभाग के लिए संवेदनशील मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न कराना सबसे बड़ी चुनौती होती है. लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़ों पर नजर डालें, तो प्रदेश के 25 लोकसभा क्षेत्रों में से दौसा क्षेत्र में सबसे ज्यादा संवेदनशील मतदान केंद्र थे, जबकि टोंक-सवाई माधोपुर, करौली -धौलपुर और भरतपुर भी टॉप 5 में शामिल हैं. आइए जानते हैं बीते चुनावों में कहां सबसे शांतिपूर्ण मतदान हुए और कहां पर सबसे ज्यादा पुलिस फोर्स की निगरानी में मतदान कराए गए.

टॉप 5 संवेदनशील लोकसभा क्षेत्र :लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़ों पर नजर डालें, तो सबसे ज्यादा संवेदनशील मतदान केंद्र प्रदेश के दौसा लोकसभा क्षेत्र में 1195 थे, जबकि टोंक-सवाई माधोपुर में 824, करौली- धौलपुर में 708, अलवर में 581 और बाड़मेर में 558 संवेदनशील मतदान केंद्र थे. इसके अलावा जयपुर शहर व ग्रामीण में कुल 962, जोधपुर में 542, भरतपुर में 530, नागौर में 500, राजसमंद में 477, पाली में 443, झुंझुनूं में 411, बीकानेर में 406, अजमेर में 402, सीकर में 393, कोटा में 351 समेत प्रदेश में कुल 11,620 संवेदनशील मतदान केंद्र थे. प्रदेश में झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र में सबसे कम संवेदनशील मतदान केंद्र 212 थे. इसी तरह भीलवाड़ा में 214, जालोर में 281 और बांसवाड़ा में 291 संवेदनशील मतदान केंद्र थे.

लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़े

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भरतपुर में बढ़ गए संवेदनशील केंद्र :लोकसभा चुनाव 2019 में जहां भरतपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 530 संवेदनशील मतदान केंद्र थे, वहीं इस बार इनकी संख्या बढ़कर 834 पर पहुंच गई है. जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ अमित यादव ने बताया कि आम मतदाता निर्भीकतापूर्वक और स्वतंत्र रूप से मताधिकार का प्रयोग कर सकें, इसके लिए संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों में अधिकारी मतदाताओं से संवाद कर रहे हैं. करीब 50 फीसदी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग कराई जाएगी. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त फोर्स लगाई जाएगी. साथ ही अंतरराज्यीय व जिले की चेकपोस्टों पर भी सघनता से जांच की जा रही है और सीसीटीवी के माध्यम से भी नजर रखी जा रही है.

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