लखनऊ:करीब 15 साल पहले शहर में अवैध रूप से जो 83 अपार्टमेंट बनाए गए थे, उनको बनवाने में एलडीए के 26 और इंजीनियरों को दोषी माना गया है. एलडीए ने ऐसे इंजीनियरों को दोषी माना है, जिन्होंने ध्वस्तीकरण आदेश होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की. इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है. इस मामले में पहले भी 26 इंजीनियर अवैध रूप से अपार्टमेंट बनवाने के दोषी पाए गए थे. अब नए नाम सामने आने के बाद अवैध अपार्टमेंट बनवाने वाले इंजीनियरों की तादाद बढ़कर 52 गई है.
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मिलीभगत कब आई थी सामनेः मिलीभगत वाले इंजीनियरों के नाम वर्ष 2014 में पहली बार तब सामने आए, जब एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. उस समय एलडीए ने 26 इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी थी, मगर एक भी इंजीनियर पर कार्रवाई नहीं हुई.
फिर सुनवाई तेज हुईः उसी जनहित याचिका पर फिर सुनवाई तेज हुई है. लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को इस मामले में दस जनवरी तक हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करना है. इससे प्रमुख सचिव आवास की भी परेशानी बढ़ी है. इस मामले में अब एलडीए ने भी जांच तेज की. एलडीए के अफसरों ने बताया कि वर्ष 2014 में अवैध घोषित 83 अपार्टमेंटों को गिराने के लिए करीब एक सप्ताह पहले नोटिस हुए हैं. इसके साथ ही 26 और इंजीनियरों को अवैध अपार्टमेंट बनवाने का दोषी पाया गया है. जिन्हें दोषी पाया गया है उनमें उनमें ज्यादातर अवर अभियंता हैं, कई रिटायर भी हो चुके हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि इस मामले में जितने भी दोषी हैं उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हाई कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा.