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कभी गांधी परिवार की मुश्किलों में साथ रहते थे लालू यादव, अब राहुल के विरोध में क्यों? - INDIA ALLIANCE

लालू यादव और गांधी परिवार के रिश्ते नए नहीं हैं. इंडिया ब्लाक के नेतृत्व के लिए ममता बनर्जी के प्रस्ताव पर लालू ने चौंकाया है.

लालू यादव का राहुल गांधी से दूरी क्यों
लालू यादव का राहुल गांधी से दूरी क्यों (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 11, 2024, 9:21 PM IST

पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कांग्रेस के प्रति इतनी बेरुखी दिखाएंगे राहुल गांधी ने कभी सपने में न सोचा होगा.पहले अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता बनने पर सहमति दी तो अब लालू यादव ने भी इस पर मुहर लगा दी है. लालू ने भी कहा है कि ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता बनना चाहिए. लालू के कांग्रेस से जैसे रिश्ते रहे हैं, वैसे में यकीनन यह बात कांग्रेस नेताओं को हैरतअंगेज लगी होगी.

लालू ने राहुल गांधी को मटन की दावत दी थी: गांधी परिवार से लालू यादव के बेहतरीन सियासी संबंध है. गांधी परिवार पर जब-जब राजनीतिक संकट आए, तब-तब लालू मजबूती के साथ मैदान में मोर्चा संभाले नजर आए. पिछले साल अपनी बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित आवास पर लालू ने उन्हें राजनीति के मंत्र दिए, बल्कि बिहारी स्टाइल में बने मटन की दावत भी दी.

सीट शेयरिंग का पेंच फंसना तय:कहते हैं मटन रेसिपी सीखने के बादलालू के घर राहुल की आवाजाही शुरू हो गई. लेकिन अब लालू, राहुल के विरोध में ममता का खुलकर समर्थन कर रहे हैं. आखिर क्यों?. वहीं दूसरी तरफ बिहार में अक्टूबर 2025 में विधानसभा के चुनाव होने हैं, जहां आरजेडी और कांग्रेस साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है और दोनों के बीच सीट शेयरिंग का पेंच फंसना तय है.

विपक्षी एकता बनाने में लालू की अहम भूमिका:2022 में नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद लालू यादव विपक्षी एकता बनाने में जुट गए. नीतीश के साथ लालू पहले सोनिया गांधी से और फिर विपक्ष के अन्य नेताओं से मिले. इंडिया की सभी बड़ी बैठकों में लालू खुद मौजूद भी रहे. 2024 की शुरुआत में नीतीश कुमार इंडिया छोड़ बाहर चले गए, लेकिन लालू इंडिया गठबंधन में ही रहे. 2024 के जनवरी में लालू यादव को इंडिया की कुर्सी देने की सुगबुगाहट हुई, लेकिन स्वास्थ्य की वजह से लालू ने इसे लेने से इनकार कर दिया.

दिल्ली में मिसा भारती के आवास पर राहुल को मटन रेसपी बताते लालू यादव (ETV Bharat)

लालू राजनीति के माहिर खिलाड़ी:सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं अपने बयानों से राजनीति मैसेज देने की कोशिश करते रहे हैं. ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता बनाने की बात कह कर लालू प्रसाद यादव एक बार फिर से पूरे देश में चर्चा में है यह इसलिए क्योंकि जब इंडिया गठबंधन का निर्माण हुआ था उस समय लालू प्रसाद यादव ने बड़ी भूमिका निभाई थी और नीतीश कुमार को नजरअंदाज कर राहुल गांधी की खूब तारीफ किया करते थे.

क्षेत्रीय दलों को कांग्रेस से ही खतरा: अगले साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है ऐसे तो लालू प्रसाद यादव टिकट बंटवारे में बिहार में हमेशा अपना दबदबा बनाए रखे हैं, लेकिन झारखंड में कांग्रेस के दबदबे के बाद बिहार में ऐसी स्थिति न पैदा हो इसलिए अभी से स्ट्रेटजी बनाना शुरू कर दिया है. राजनीतिक विशेषज्ञ कह रहे हैं कि विपक्षी क्षेत्रीय दलों को कांग्रेस से ही खतरा है और इसलिए लालू प्रसाद यादव आगे की राजनीति देख रहे हैं.

इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ी: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सोनिया गांधी और राहुल गांधी का सपोर्ट करने में जिस प्रकार से आगे रहे हैं. अचानक ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता बनाने हैं की बात कह कर इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी है.असल में पिछले दिनों ममता बनर्जी ने बयान दिया था कि इंडिया गठबंधन को पश्चिम बंगाल से ही चला सकते हैं लेकिन इंडिया गठबंधन के लोग मुझे पसंद नहीं करते हैं.

लालू यादव का राहुल गांधी से दूरी (ETV Bharat)

"लालू प्रसाद यादव के बयान से कोई झटका नहीं लगा है. किसी नेता के बयान से इंडिया गठबंधन के नेता तय नहीं हो सकते हैं. लालू प्रसाद यादव ने ऐसा क्यों बयान दिया समझ से परे हैं. कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है 100 सांसद है और राहुल गांधी नेता विरोधी दल है."- प्रेमचंद्र मिश्रा, वरिष्ठ नेता कांग्रेस

राजद, कांग्रेस और वामपंथ मिलकर चुनाव लड़े थे:बिहार के राजनीति के जानकार लालू प्रसाद यादव के इस बयान को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से जोड़ रहे हैं. 2020 में राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल मिलकर चुनाव लड़े थे. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में यह चुनाव लड़ा गया था और कुछ ही सीटों से तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए थे. उस समय कहा गया कि यदि कांग्रेस को कम सीट दिया जाता है तो ऐसी स्थिति नहीं होती है.

"लालू प्रसाद यादव ममता बनर्जी के बहाने कांग्रेस को बैक सीट पर रखना चाह रहे हैं. जिसे बिहार विधानसभा में सीट बंटवारे में कहीं कोई परेशानी ना हो."-सुनील पांडेय, राजनीतिक विशेषज्ञ

ममता बनर्जी के साथ लालू परिवार (ETV Bharat)

लालू मनमाने ढंग से ही सीट बांटते हैं:बिहार में ऐसे तो लालू प्रसाद यादव हमेशा जब भी कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ते रहे हैं. मनमाने ढंग से ही सीट बांटते रहे हैं. लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस पप्पू यादव को सीट देना चाह रही थी, लेकिन लालू यादव इसके लिए तैयार नहीं हुए.अब विधानसभा के 243 सीटों पर आरजेडी अधिकांश सीटों पर चुनाव लड़े यह कोशिश होगी ऐसे में 2020 का फार्मूला इस बार अपनाया नहीं जाएगा. यह तय है मुकेश सहनी भी इस बार राजद के साथ हैं, ऐसे में उन्हें भी सीट दिया जाएगा.

"क्षेत्रीय दलों को पहले से ही लगता रहा है कि कांग्रेस मजबूत होगी तो उनकी स्थिति कमजोर हो सकती है. इसलिए कांग्रेस को क्षेत्रीय दल कमजोर करने की कोशिश करते रहे हैं. ममता बनर्जी तो पहले से ही कांग्रेस को तवज्जो नहीं देती रही है. बिहार में कांग्रेस के लिए खोने को कुछ है नहीं. लोकसभा चुनाव में पप्पू यादव का सीट मिला दें तो कांग्रेस के पास चार सीट है."- अरुण पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ

चुनाव में कांग्रेस बारगेनिंग कर सकती है:राजनीतिक विशेषज्ञ,अरुण पांडे बताते है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बारगेनिंग कर सकती है अभी झारखंड इसका उदाहरण है. जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने मिलकर सीट का बंटवारा कर लिया और 12 सीट राजद और अन्य दलों के लिए छोड़ दिया था. अब बिहार विधानसभा चुनाव अगले साल होना है कांग्रेस को कुछ पाना है तो उसे लालू का सहारा ही चाहिए और यह लालू यादव को पता है.

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान तेजस्वी के साथ राहुल गांधी (ETV Bharat)

"इंडिया गठबंधन में शह मात का खेल चल रहा है अब बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है. दबाव बनाने की रणनीति राजद के नेता जानते हैं. उनको पता है कौन सा नस दबना है. इसलिए अधिक से अधिक सीट मिले इसकी रणनीति राजद के नेता कर रहे हैं. जिससे कांग्रेस पर दबाव बनाया जा सके."-श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री

इंडिया गठबंधन का क्या होगा भविष्य: इंडिया गठबंधन को सबसे अधिक धक्का महाराष्ट्र में मिली करारी हार से लगा है. हालांकि झारखंड में जीत से राहत भी मिली है, लेकिन अगले साल दिल्ली में चुनाव होना है. ऐसे में यह देखना भी दिलचस्प हुआ कि अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ तालमेल करते हैं या नहीं. दिल्ली के बाद बिहार विधानसभा का चुनाव 2025 में होगा.

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