छपरा:बिहार की बेटियों ने हमेशा ही राज्य और देश का नाम रोशन किया है. इसी कड़ी में बात छपरा की, जहां की कुमारी अनीशा को सामाजिक सरोकार के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पुरस्कार भी मिल चुका है. छपरा शहर की एक और बेटी ममता को भी यह सौभाग्य मिला है और वह भी राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं. ममता इस समय बीएसएफ के बिहटा में ट्रेनिंग कर रही हैं, जबकि अनीशा भी सरकारी सेवा के लिए लगातार परीक्षा दे रही है.
सामाजिक कार्य में है अनीशा की रुचि: छपरा शहर के मौना पकड़ी मोहल्ले की रहने वाली कुमारी अनीशा एक आइकन है. शहर में कोई भी ऐसा सार्वजनिक और सामाजिक काम नहीं है, जिसमें कुमारी अनीशा की सहभागिता नहीं हो, चाहे वह दलित बस्ती के बच्चों को रोज शाम को पढ़ना हो या बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर राशन बांटना हो. इसके अलावा जिला स्तर पर कोई भी कैंपेन, आर्ट और कल्चर के माध्यम से कोई संदेश देना, या शास्त्रीय संगीत की बात हो उसमें छपरा की यह बेटी आपको जरूर नजर आएगी.
देश की सेवा का है सपना: माता-पिता की दो बेटियों में छोटी बेटी अनीशा आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है. उसका कहना है कि सामाजिक सरोकार के बदौलत वे जिले या प्रदेश का नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करना चाहती हैं. छपरा के जयप्रकाश विश्वविद्यालय की एनएसएस की छात्रा रही अनीशा पढ़ने में भी काफी तेज हैं. उन्होंने बताया कि उनका सपना आईपीएस या आईएएस बनकर देश की सेवा करने का है. इसके लिए वे जी जान से प्रयास कर रही हैं. वो अपने खाली समय में गरीब बच्चों की भी शाम शिक्षा देती हैं.