पटना: आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट 2025-26 पेश करेंगी. वहीं इस बजट से बिहार के युवाओं को काफी उम्मीद है. इस बजट से आम लोग सरकार से खास अपेक्षा कर रहे हैं युवाओं को इस बजट से उम्मीद है कि इस बजट में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पलायन को लेकर बजट होगा. हर क्षेत्र के लोग अपने-अपने नजरिए से इस बजट से उम्मीद लगाए बैठे हैं.
चुनावी साल में बजट से काफी उम्मीदें: बिहार के युवाओं को भी इस बजट से काफी उम्मीद लगाए हुए हैं. युवाओं को उम्मीद है कि इस बार बजट में बिहार में उद्योग के विकास पर ध्यान दिया जाएगा ताकि रोजगार सृजन की नई संभावनाएं आए. युवा यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि बिहार में बजट में इस बार केंद्रीय विश्वविद्यालय देने की भी घोषणा हो. युवाओं को उम्मीदें इसलिए अधिक है क्योंकि यह बिहार के लिए चुनावी वर्ष है.
दो सेंट्रल यूनिवर्सिटी की उम्मीदें: प्रवाल वत्स ने बताया कि बजट से वह उम्मीद कर रहे हैं कि बिहार में उद्योग क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा. बिहार के लोग अभी भी पलायन कर रहे हैं क्योंकि यहां सरकारी नौकरी ही रोजगार का एकमात्र बेहतर विकल्प है. ऐसे में वह यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि सरकारी नौकरियां बढ़ाई जाएगी. रेलवे की परीक्षाओं का वह समय पर पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा वह यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि बिहार में कम से कम दो सेंट्रल यूनिवर्सिटी और एक एम्स की भी घोषणा होगी.
रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मिले बड़े प्रोजेक्ट: युवक प्रभाकर कुमार ने कहा कि वह बजट से उम्मीद कर रहे हैं कि बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए अधिक से अधिक फंड मिलेगा. पिछली बार भी बजट में बिहार को काफी धनराशि दी गई थी और इस बार भी उम्मीद है कि उससे अधिक ही बिहार को बजट मिलेगा.
आवागमन में लग रहा ज्यादा समय: उन्होंने कहा कि देश के बजट में बिहार के रोड सेक्टर के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए बड़ी घोषणाएं हो. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी भी 150 किलोमीटर की दूरी तय करने में 4 से 5 घंटे लग रहे हैं और जब तक यह समय काम नहीं होंगे. प्रदेश का विकास नहीं होगा. इसके अलावा पटना में एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी की भी आवश्यकता है.
सरकारी नौकरी पर निर्भरता खत्म हो: युवक हिमांशु राज ने कहा कि बिहार के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है. ऐसे में बिहार के विकास के लिए सरकार को चाहिए कि जो बाढ़ प्रभावित जिले हैं उसके लिए देश की सरकार कुछ बड़ी योजनाएं लाए. इसके अलावा बिहार में बड़े उद्योग नहीं है. बजट में कुछ ऐसा हो कि बिहार में बड़े उद्योग आए ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले. यहां रोजगार की कमी है जिसके कारण युवाओं को सरकारी नौकरी पर निर्भर रहना पड़ता है.
"बिहार में आईआईटी और एम्स की संख्या भी बढ़ाई जाने की जरूरत है क्योंकि बिहार की आबादी बहुत अधिक है और उसके अनुपात में ऐसे प्रतिष्ठित संस्थान की संख्या कम है. इस बजट में कुछ ऐसा हो कि बिहार में बड़े उद्योग आए ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले." -हिमांशु राज, युवक
बेहतर हो उद्योग का माहौल: युवक अमन कुमार ने कहा कि वह चाहते हैं कि बिहार में उद्योग का माहौल तैयार हो और इसके लिए देश की बजट में प्रावधान किया जाए. सरकार कहती है कि रोजगार है लेकिन रोजगार के लिए उद्योग की कमी है. सरकार अगर बिहार में उद्योग को बढ़ावा देती है और बजट में संबंध में कोई प्रावधान होता है तो बिहार के युवा पलायन से बचेंगे. इसके अलावा वह चाहते हैं कि अच्छे स्वास्थ्य संस्थान पूर्णिया और कैमूर जैसे क्षेत्रों में भी खुला और रोड का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो.
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