नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को संसद में अपना लगातार आठवां बजट पेश करेंगी. इसके लिए वह संसद भवन पहुंच चुकी है. बजट पेश करने से पहले निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने वित्त मंत्री को पारंपरिक 'दही-चीनी' खिलाया.
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में आम बजट पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वह पारंपरिक 'बही खाते' के बजाय टैब के माध्यम से बजट पेश करेंगी और पढ़ेंगी.वित्त मंत्री सीतारमण ने जुलाई 2019 में बजट ब्रीफकेस ले जाने की औपनिवेशिक परंपरा को तोड़ा था और इसके बजाय केंद्रीय बजट के कागजात ले जाने के लिए पारंपरिक 'बही-खाते' का विकल्प चुना था.
#WATCH | President Droupadi Murmu feeds Union Finance Minister Nirmala Sitharaman the customary 'dahi-cheeni' (curd and sugar) ahead of her Budget presentation.
— ANI (@ANI) February 1, 2025
Union Finance Minister Nirmala Sitharaman will present her 8th consecutive #UnionBudget, today in Parliament
(Source… pic.twitter.com/jZz2dNh59O
मीडिल क्लास को उम्मीद
केंद्रीय बजट 2025 में 'विकसित भारत' लक्ष्य के तहत भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है. बजट में मध्यम वर्ग के कर बोझ को कम करने और राजकोषीय बनाए रखने पर भी ध्यान केंद्रित किया जा सकता है. इसके अलाना बजट में विनिर्माण, बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन में निवेश के लिए भी जोर दिया जा सकता है. सीमा शुल्क सुधार, स्किल डेवलपमेंट और कृषि मूल्य श्रृंखला संवर्द्धन की भी संभावना है.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का बयान
इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस देश की अर्थव्यवस्था पर ध्यान दिया जाने लगा है, हमने जन-समर्थक, गरीब-समर्थक, मध्यम वर्ग-समर्थक बजट दिया है. इस बार भी ऐसा ही होगा.
आर्थिक सर्वे किया पेश
इससे पहले वित्त मंत्री ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वे पेश किया था. इसमें भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 से 6.8 फीसदी तक रहने का अनुमान लगाया गया. सर्वें में कहा गया है कि निर्यात की तुलना में घरेलू वृद्धि पर जोर दिया गया है. 2047 तक विकसित भारत को हासिल करने के लिए 8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि, 35 फीसदी निवेश दर और विनिर्माण, एआई, रोबोटिक्स और जैव प्रौद्योगिकी में विस्तार की आवश्यकता है.
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