नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट 2025 भाषण में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा मौजूदा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी.
उन्होंने कहा कि यह बदलाव उन बीमा कंपनियों पर लागू होगा जो अपना पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करती हैं. इस कदम का उद्देश्य 2047 तक 'सभी के लिए बीमा' के सरकार के दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाना है.
Reforming and Developing Financial Sector
— PIB India (@PIB_India) February 1, 2025
➡️#FDI limit for insurance sector to be raised from 74% to 100%
➡️ Forum for regulatory coordination and development of pension products to be set up
➡️ Revamped Central KYC Registry to be rolled out in 2025, to simplify KYC process… pic.twitter.com/w0NblRWJ6N
बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने की के बाद बीमा कंपनियों के शेयरों में उछाल आया. एचडीएफसी लाइफ, एसबीआई लाइफ और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के शेयरों में तेज उछाल देखने को मिली.
बता दें, एफडीआई सीमा को 2015 में 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत और फिर 2021 में 74 प्रतिशत किया गया था.
नई घोषणा से अधिक वैश्विक बीमा कंपनियों को आकर्षित करने, प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और नए बाजार में प्रवेश करने वालों को लाने की उम्मीद है.
इस सुधार से बीमा कंपनियों को एक इकाई के तहत कई तरह के व्यवसाय संचालित करने की अनुमति मिल सकती है.
वित्तीय क्षेत्र में विनियामक सुधार
सीतारमण ने कहा कि गैर-वित्तीय क्षेत्र के सभी विनियमनों, प्रमाणन, लाइसेंस और अनुमतियों की समीक्षा के लिए विनियामक सुधारों के लिए उच्च-स्तरीय समिति की स्थापना की जाएगी, ताकि व्यापार करने में आसानी को बढ़ाया (Ease of Doing Business) जा सके.
उन्होंने कहा कि राज्यों का निवेश मित्रता सूचकांक 2025 में शुरू किया जाएगा.
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