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इनकम टैक्स के साथ इस TAX में मिली बंपर छूट! 10 लाख रुपये तक नहीं कटेगा एक भी पैसा - UNIONBUDGET2025

RBI की लिबरलाइजड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत रेमिटेंस पर सोर्स पर एकत्रित टैक्स (TCS)

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इनकम टैक्स के साथ इस टैक्स में मिली बंपर छूट (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 1, 2025, 2:57 PM IST

नई दिल्ली: आम बजट 2025 में इनकम टैक्स से लेकर टैक्स से जुड़े अन्य मोर्चों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोगों को बड़ी राहत दी है. बजट भाषण में आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत 'सोर्स पर टैक्स' (TCS) एकत्र करने की लिमिट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है. निर्मला सीतारमण ने टीसीएस की सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने शिक्षा से से जुड़े मामलों में रेमिटेंस पर टीसीएस हटाने का भी प्रस्ताव दिया है, जहां ऐसा रेमिटेंस कुछ खास वित्तीय संस्थान से लिए गए लोन से बाहर है.

जानें क्या है टीसीएस रेमिंटेस
दरअसल, टीसीएस रेमिटेंस का मतलब है, विदेश में पैसे भेजने पर लगने वाला स्रोत पर एकत्रित टैक्स. यह कर, विदेश में पैसा भेजने से पहले, बैंक या रेमिटेंस सर्विस द्वारा काट लिया जाता है. अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. निर्मला सीतारमण ने कहा कि, जुलाई 2024 के बजट में, विवरण दाखिल करने की नियत तारीख तक टीडीएस के भुगतान में देरी को अपराध से मुक्त कर दिया गया था, और अब मैं मैं टीसीएस प्रावधानों को लेकर भी इसका प्रस्ताव करती हूं.”

  • टीसीएस की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई.
  • एजुकेशन रेमिटेंस पर टीसीएस हटाने का प्रस्ताव रखा.

वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस की वार्षिक सीमा 50,000 रुपये से दोगुनी करके 1,00,000 रुपये कर दी गई है. इसके अतिरिक्त, सरकार ने बजट सत्र में एक नया आयकर विधेयक पेश करने की योजना की भी घोषणा की. प्रस्तावित विधेयक अध्यायों और शब्दों के संदर्भ में मौजूदा कानून की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत छोटा होने की उम्मीद है, जिससे यह करदाताओं और प्रशासकों के लिए सरल हो जाएगा. इस कदम का उद्देश्य कर निश्चितता को बढ़ाना और मुकदमेबाजी को कम करना है.

सीतारमण ने आगे बताया कि सरकार ने किसी भी आकलन वर्ष के लिए अपडेट रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा दो साल से बढ़ाकर चार साल कर दी है. इसके अतिरिक्त, 29 अगस्त, 2024 के बाद पुराने राष्ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) खातों से निकासी पर कर से छूट दी जाएगी, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिलेगी.

अनुपालन को और आसान बनाने के लिए, सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल न करने वालों के लिए उच्च टीडीएस/टीसीएस प्रावधानों को हटाने का प्रस्ताव दिया है. आयकर अधिनियम की धारा 206AB और 206CCA को हटाने से कटौतीकर्ताओं और संग्रहकर्ताओं पर अनुपालन का बोझ कम होगा, जो कर प्रशासन को और अधिक कुशल बनाने के सरकार के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है.

ये भी पढ़ें: सीनियर सिटीजंस को बड़ी सौगात, ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपये

नई दिल्ली: आम बजट 2025 में इनकम टैक्स से लेकर टैक्स से जुड़े अन्य मोर्चों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोगों को बड़ी राहत दी है. बजट भाषण में आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत 'सोर्स पर टैक्स' (TCS) एकत्र करने की लिमिट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है. निर्मला सीतारमण ने टीसीएस की सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने शिक्षा से से जुड़े मामलों में रेमिटेंस पर टीसीएस हटाने का भी प्रस्ताव दिया है, जहां ऐसा रेमिटेंस कुछ खास वित्तीय संस्थान से लिए गए लोन से बाहर है.

जानें क्या है टीसीएस रेमिंटेस
दरअसल, टीसीएस रेमिटेंस का मतलब है, विदेश में पैसे भेजने पर लगने वाला स्रोत पर एकत्रित टैक्स. यह कर, विदेश में पैसा भेजने से पहले, बैंक या रेमिटेंस सर्विस द्वारा काट लिया जाता है. अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. निर्मला सीतारमण ने कहा कि, जुलाई 2024 के बजट में, विवरण दाखिल करने की नियत तारीख तक टीडीएस के भुगतान में देरी को अपराध से मुक्त कर दिया गया था, और अब मैं मैं टीसीएस प्रावधानों को लेकर भी इसका प्रस्ताव करती हूं.”

  • टीसीएस की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई.
  • एजुकेशन रेमिटेंस पर टीसीएस हटाने का प्रस्ताव रखा.

वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस की वार्षिक सीमा 50,000 रुपये से दोगुनी करके 1,00,000 रुपये कर दी गई है. इसके अतिरिक्त, सरकार ने बजट सत्र में एक नया आयकर विधेयक पेश करने की योजना की भी घोषणा की. प्रस्तावित विधेयक अध्यायों और शब्दों के संदर्भ में मौजूदा कानून की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत छोटा होने की उम्मीद है, जिससे यह करदाताओं और प्रशासकों के लिए सरल हो जाएगा. इस कदम का उद्देश्य कर निश्चितता को बढ़ाना और मुकदमेबाजी को कम करना है.

सीतारमण ने आगे बताया कि सरकार ने किसी भी आकलन वर्ष के लिए अपडेट रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा दो साल से बढ़ाकर चार साल कर दी है. इसके अतिरिक्त, 29 अगस्त, 2024 के बाद पुराने राष्ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) खातों से निकासी पर कर से छूट दी जाएगी, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिलेगी.

अनुपालन को और आसान बनाने के लिए, सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल न करने वालों के लिए उच्च टीडीएस/टीसीएस प्रावधानों को हटाने का प्रस्ताव दिया है. आयकर अधिनियम की धारा 206AB और 206CCA को हटाने से कटौतीकर्ताओं और संग्रहकर्ताओं पर अनुपालन का बोझ कम होगा, जो कर प्रशासन को और अधिक कुशल बनाने के सरकार के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है.

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