उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

उत्तर प्रदेश के इस मंदिर की रक्षा करते हैं नाग और नागिन, दर्शन से मिलती है कालसर्प दोष से मुक्ति - Kherapati temple Kanpur - KHERAPATI TEMPLE KANPUR

सावन मास में नाग पंचमी का त्यौहार काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा से मनुष्य की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ऐसी मान्यता वाले कानपुर के खेरेपति मंदिर (Kherapati temple Kanpur) की विशेष महिमा है.

खेरेपति मंदिर कानपुर.
खेरेपति मंदिर कानपुर. (Photo Credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 10, 2024, 4:29 PM IST

कानपुर :हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष माना जाता है. हम आपको एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर नागों का मेला लगता है. मंदिर की विशेष मान्यता यह है कि कानपुर के खेरेपति मंदिर की रखवाली कोई इंसान नहीं, बल्कि खुद इच्छाधारी नाग नागिन करते हैं, लेकिन किसी ने भी आज तक इन्हें नहीं देखा है. कहां जाता है कि इस मंदिर के बाहर ही नाग नागिन किसी न किसी रूप में मंदिर के बाहर बैठे रहते हैं.

कानपुर के खेरेपति मंदिर में पूजा अर्चना करते श्रद्धालु. (Photo Credit: ETV Bharat)


कानपुर शहर के माल रोड स्थित इस सैकड़ों साल पुराने खेरेपति मंदिर की एक विशेष मान्यता है. कहा जाता है कि सावन मास में किसी भी एक सोमवार को दर्शन करने से श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है. ऐसी मान्यता है कि सावन मास के किसी भी एक सोमवार को यहां इच्छाधारी नाग-नागिन मंदिर में स्थापित बाबा शिव की शिवलिंग की पूजा अर्चना करने और उनके दर्शन करने के लिए जरूर आते हैं. मंदिर के जानकारों की मानें तो इस मंदिर की स्थापना सैकड़ो साल पहले दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने कराई थी.


शुक्राचार्य ने कराई थी मन्दिर की स्थापना :मान्यता है कि गुरु शुक्राचार्य की बेटी देवयानी का विवाह यादव राजा आदित्य से हुआ था और जब वह एक बार अपने बेटी से मिलने के लिए जा रहे थे तो कुछ देर उन्होंने खेरपति मंदिर के पास आराम किया था. इस दौरान जब उनकी आंख लग गई थी. तब उन्हें सपने में भगवान शेषनाथ ने दर्शन दिए थे और इस जगह पर शिव मंदिर बनाने के लिए कहा था. शेषनाग की आज्ञा के अनुसार ही शुक्राचार्य ने इस जगह पर शिवलिंग की स्थापना और मंदिर का निर्माण करवाया था. यहां सावन मास के अलावा अन्य सोमवार में भी बाबा की शिवलिंग का भव्य रूप से श्रृंगार कर उनकी पूजा अर्चना की जाती है और लाखों शिव भक्त यहां पर दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. बाबा भोलेनाथ उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।


मंदिर के कपाट खोलते ही शेषनाथ पर चढ़े मिलते हैं फूल :मंदिर के पुजारी ने बताया कि जब भी मंदिर के कपाट खुलते हैं तो शेषनाग के शीश पर दो फूल जरूर चढ़े मिलते हैं. इसके अलावा भगवान शिव पर भी पूजा सामग्री चढ़ी मिलती है. पुजारी का मानना है कि जब देर रात मंदिर के कपाट बंद करने से पहले सारे फूल हटा दिए जाते हैं तो आखिर फिर मंदिर के कपाट बंद होने पर सुबह यह फूल कौन चढ़ा जाता है. उन्होंने बताया कि यहां साक्षात नाग देवता का वास है. सावन के महीने में यहां पर नाग देवता के दर्शन करने के लिए कानपुर शहर ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों से भी लाखों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस मंदिर की विशेष मान्यता यह भी है कि यहां पर 12 प्रकार के कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा अर्चना करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.


नाग पंचमी के अवसर पर लगता है विशाल मेला : मंदिर के प्रबंधक दिनेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि खेरेपति मंदिर में नाग पंचमी पर हर साल सांपों का मेला जरूर लगता है. इस दिन तेरे पति मंदिर में विशेष तैयारी की जाती है. मंदिर में बाबा भोलेनाथ का भव्य शृंगार किया जाता है. यहां पर दूर दराज और आसपास के जिले से भी लाखों की तादाद में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं.

यह भी पढ़ें : मोह माया और अहंकार छोड़ने पर ही होगी शिव और शक्ति की प्राप्ति : स्वामी अनंतानंद सरस्वती

यह भी पढ़ें : मुरादाबाद: पितृ अमावस्या पर लावारिस शवों के गंगा में प्रवाहित किए जाते हैं अस्थि कलश

ABOUT THE AUTHOR

...view details