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शराब पीने से मना करने पर की थी दादी की हत्या; दोषी पोते को आजीवन कारावास, 20 हजार का जुर्माना - BARABANKI COURT NEWS

बड़डूपुर थाना क्षेत्र के बकरापुर निवासी वादी ने दर्ज कराई थी शिकायत.

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 14, 2025, 10:43 PM IST

Updated : Feb 14, 2025, 10:49 PM IST

बाराबंकी : जिले के बड़डूपुर थाना क्षेत्र में करीब छह साल पहले दादी की हत्या के मामले में अदालत ने एक पौत्र को दोषी करार दिया है. अदालत ने दोषी पौत्र को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-1 राजेश पति त्रिपाठी ने शुक्रवार को सुनाया. बात दें कि पौत्र पर आरोप था कि उसने अपनी दादी की महज इसलिए हत्या कर दी थी कि उसने शराब पीने से मना किया था.

अभियोजन अधिकारी रामजस सिंह ने बताया कि बड़डूपुर थाना क्षेत्र के बकरापुर निवासी वादी सुरेश गौतम ने थाने में तहरीर देकर बताया था कि उसका बेटा अजय पाल गौतम (22) शराब पीने का आदी है और शराब पीकर अक्सर लोगों से गाली गलौज किया करता है. 23 मार्च 2019 की रात करीब 11 बजे वह शराब के नशे में गाली देते हुए घर आया तो वादी ने उसे समझाया. इसी बात पर अजय अपने पिता से झगड़ने लगा और अपने पिता को धक्का देकर गिरा दिया.

उन्होंने बताया कि वादी ने तहरीर में बताया था कि इसी दौरान वादी की मां यानी अजय की दादी, जिनकी उम्र करीब 80 साल थी आ गईं और अजय को समझाने लगीं तो वह उनसे भी झगड़ने लगा. इसी बीच वादी बाहर चला गया. थोड़ी देर जब वादी सुरेश गौतम वापस आया तो मुख्य दरवाजे की कुंडी अंदर से बंद थी. वादी ने दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला तो वह अपनी मां और बेटे की तलाश करने लगा. उसके बाद सीढ़ी लगाकर दीवार के रास्ते अपने मकान में उतरकर जब अंदर जाकर देखा तो उसकी मां कलावती देवी के शरीर और गाल पर धारदार हथियार से चोट के निशान थे तथा उनकी मृत्यु हो चुकी थी और उनका लड़का अजय फरार था.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग कर साक्ष्य इकट्ठा कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई. अभियोजन द्वारा मामले में ठोस गवाह पेश किए गए. अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा पेश किए गए साक्षियों की गवाही और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-1 राजेश पति त्रिपाठी ने आरोपी अजय पाल गौतम को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी.

यह भी पढ़ें : बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, बाराबंकी पॉक्सो कोर्ट का फैसला - MURDER ACCUSED LIFE IMPRISONMENT

बाराबंकी : जिले के बड़डूपुर थाना क्षेत्र में करीब छह साल पहले दादी की हत्या के मामले में अदालत ने एक पौत्र को दोषी करार दिया है. अदालत ने दोषी पौत्र को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-1 राजेश पति त्रिपाठी ने शुक्रवार को सुनाया. बात दें कि पौत्र पर आरोप था कि उसने अपनी दादी की महज इसलिए हत्या कर दी थी कि उसने शराब पीने से मना किया था.

अभियोजन अधिकारी रामजस सिंह ने बताया कि बड़डूपुर थाना क्षेत्र के बकरापुर निवासी वादी सुरेश गौतम ने थाने में तहरीर देकर बताया था कि उसका बेटा अजय पाल गौतम (22) शराब पीने का आदी है और शराब पीकर अक्सर लोगों से गाली गलौज किया करता है. 23 मार्च 2019 की रात करीब 11 बजे वह शराब के नशे में गाली देते हुए घर आया तो वादी ने उसे समझाया. इसी बात पर अजय अपने पिता से झगड़ने लगा और अपने पिता को धक्का देकर गिरा दिया.

उन्होंने बताया कि वादी ने तहरीर में बताया था कि इसी दौरान वादी की मां यानी अजय की दादी, जिनकी उम्र करीब 80 साल थी आ गईं और अजय को समझाने लगीं तो वह उनसे भी झगड़ने लगा. इसी बीच वादी बाहर चला गया. थोड़ी देर जब वादी सुरेश गौतम वापस आया तो मुख्य दरवाजे की कुंडी अंदर से बंद थी. वादी ने दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला तो वह अपनी मां और बेटे की तलाश करने लगा. उसके बाद सीढ़ी लगाकर दीवार के रास्ते अपने मकान में उतरकर जब अंदर जाकर देखा तो उसकी मां कलावती देवी के शरीर और गाल पर धारदार हथियार से चोट के निशान थे तथा उनकी मृत्यु हो चुकी थी और उनका लड़का अजय फरार था.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग कर साक्ष्य इकट्ठा कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई. अभियोजन द्वारा मामले में ठोस गवाह पेश किए गए. अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा पेश किए गए साक्षियों की गवाही और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-1 राजेश पति त्रिपाठी ने आरोपी अजय पाल गौतम को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी.

यह भी पढ़ें : बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, बाराबंकी पॉक्सो कोर्ट का फैसला - MURDER ACCUSED LIFE IMPRISONMENT

Last Updated : Feb 14, 2025, 10:49 PM IST
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