पुणे: महाराष्ट्र के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि राज्य में गिलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के संदिग्ध और पुष्ट मामलों की संख्या लगातार बढ़ रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि दो मामलों का पता चलने के बाद यह संख्या 207 हो गई है, जिनमें से 20 वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं.
इस बीच, हालांकि राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार आधिकारिक तौर पर मौतों की संख्या आठ पर अपरिवर्तित रही, लेकिन कोल्हापुर में बीमारी से एक संदिग्ध मौत की सूचना मिली है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि चांगिड तहसील की 60 वर्षीय महिला की 13 फरवरी को मौत हो गई.
अधिकारी ने बताया कि उसे निचले अंगों में लकवा मार गया था और पहले उसे चांगिड के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर पड़ोसी राज्य कर्नाटक ले जाया गया. उसे 11 फरवरी को कोल्हापुर के एक अस्पताल में वापस लाया गया, जहां दो दिन बाद उसकी मौत हो गई.
जीबीएस एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में कमजोरी, पैरों और/या बाहों में संवेदना का नुकसान, साथ ही निगलने या सांस लेने में समस्या होती है. हालांकि, सरकारी सूत्रों ने कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है.
जीबीएस सिंड्रोम के कारण नागपुर में एक की मौत: जानकारी के मुताबिक इस बीमारी से पीड़ित एक व्यक्ति की नागपुर में मौत हो गई है. मरीज की शुक्रवार रात अस्पताल में मौत हो गई. एक सरकारी मेडिकल अस्पताल के आईसीयू में इलाज के दौरान गिलियन-बैरे सिंड्रोम से पीड़ित 45 वर्षीय एक मरीज की मौत हो गई. नागपुर के पारडी शिवरा में रहने वाले एक व्यक्ति को 11 फरवरी को आईसीयू में भर्ती किया गया था. मरीज के पैर लकवाग्रस्त थे. सांस लेना मुश्किल था. इसके अलावा, वह रक्तचाप से भी पीड़ित थे. शुक्रवार को मरीज की हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई.
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