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हल्द्वानी कारागार पहुंचे न्यायमूर्ति मनोज तिवारी, कैदियों का जाना हाल - Haldwani sub Jail

Haldwani sub jail, Justice Manoj Kumar Tiwari न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी हल्द्वानी उप कारागार पहुंचे, जहां उन्होंने निरीक्षण कर कैदियों से मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना. साथ ही उन्होंने व्यावसायिक प्रशिक्षण (बेकरी) का शुभारंभ भी किया. पढ़ें पूरी खबर..

Justice Manoj Kumar Tiwar
हल्द्वानी कारागार पहुंचे न्यायमूर्ति मनोज तिवारी (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 18, 2024, 12:15 PM IST

हल्द्वानी कारागार पहुंचे न्यायमूर्ति मनोज तिवारी (video-ETV Bharat)

हल्द्वानी: न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी ने हल्द्वानी उप कारागार का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने जेल में कैदियों के लिए आयोजित व्यावसायिक प्रशिक्षण (बेकरी) का शुभारंभ किया. साथ ही बेकरी में बन रहे विभिन्न खाद्य पदार्थों का जायजा लिया और विस्तृत जानकारी भी ली. एसटीएच में लीगल ऐड क्लिनिक का उद्धघाटन भी किया और हरेला उत्सव पर पौधारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया.

आपराधिक गतिविधियों को छोड़ आत्मनिर्भर बनेंगे कैदी:न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी ने पुरुष और महिला बंदियों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना और कैदियों की बेहतरी के लिए तमाम सुझाव दिए. साथ ही कारागार में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. इसी बीच उन्होंने कहा कि बेकरी में व्यावसायिक प्रशिक्षण के बाद कैदी आपराधिक गतिविधियों को छोड़कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे.

कैदियों द्वारा न्यायमूर्ति को दी गई शिकायतें:जिला जज सुवीर कुमार ने बताया कि एक साल में 266 मामलों में बंदियों की ओर से निशुल्क पैरवी हेतु अधिवक्ता उपलब्ध कराये गए हैं, जबकि करीब 1,450 बंदियों को निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने कहा कि जेल में बंद कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जेल में ही अब अलग-अलग तरह के प्रशिक्षण दिए जाएंगे, जिससे बंदी छूटने के बाद आत्मनिर्भर बनकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ेंगे. वहीं, उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के सचिव प्रदीप मणि त्रिपाठी ने बताया कि जेल में कुछ कैदियों द्वारा शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, जिसको अमल में लाया जाएगा.

हल्द्वानी जेल में कैदियों के लिए आयोजित होते हैं कार्यक्रम:बता दें कि हल्द्वानी जेल में समय -समय पर कैदियों के लिए विभिन्न कार्यक्रम और प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं, ताकि वो समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें.

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