रांचीः झारखंड में समय से पूर्व विधानसभा चुनाव का विरोध शुरू हो गया है और झामुमो इसके विरोध में उतरा आया है. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि सरकार के अंदर अस्थिरता और अधिकारियों में भ्रम फैलाने का कुचक्र रचा जा रहा है. वहीं भाजपा ने तंज कसते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही झामुमो डर गया है.
झारखंड में आसन्न विधानसभा चुनाव 2024 के आलोक में भारत निर्वाचन आयोग की सक्रियता बढ़ी हुई है. इन सबके बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सितंबर-अक्टूबर महीने में राज्य में विधानसभा चुनाव कराने के किसी भी प्रयास को अलोकतांत्रिक और अन्यायपूर्ण बताया है. झामुमो केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी के केंद्रीय कैंप कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन की.
इस प्रेस वार्ता के माध्यम से झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्य में समय पूर्व चुनाव के किसी भी प्रयास की तीव्र भर्त्सना करते हुए कहा कि मौसम और पर्व त्योहार की वजह से 10 नवंबर तक किसी भी स्थिति में चुनाव कराना ठीक नहीं होगा. ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग से आग्रह है कि 10 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच झारखंड में विधानसभा चुनाव कराना ठीक होगा.
झामुमो केंद्रीय महासचिव ने सावन में बाबा बैद्यनाथ धाम, बासुकीनाथ में लगने वाले मेले, शारदीय नवरात्र, दीपावली, छठ सहित कई त्योहारों का जिक्र करते हुए कहा कि 10 नवंबर से पहले वह कौन सी तिथि है, जब चुनाव कराना संभव है.
सरकार के अंदर अस्थिरता और अधिकारियों में भ्रम फैलाने का कुचक्र रचा जा रहा है- सुप्रियो
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जिस तरह से चुनाव आयोग सभी डीसी के साथ बैठक कर रहा है. इन बैठकों से साफ है कि राज्य के अधिकारियों में भ्रम और सरकार के अंदर अस्थिरता का भाव लाने की कोशिश हो रही है. यह किसके इशारे पर हो रहा है यह बड़ा सवाल है.
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं होते समय से पूर्व चुनाव- झामुमो
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि समय से पहले चुनाव की बात सिर्फ झारखंड के लिए ही क्यों होती है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में ऐसा क्यों नहीं होता. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, झारखंड सबके लिए चुनाव का एक शेड्यूल बना हुआ था. इस शेड्यूल से किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ झारखंड की जनता की अस्मिता से छेड़छाड़ जैसा होगा.