रांची: राजधानी में 'ऑपरेशन अफीम' अपने अंतिम चरण में हैं. पुलिस अब अफीम को नष्ट करने के लिए वैसे क्षेत्रों तक भी पहुंच गई है, जहां अफीम की फसलों में फूल आने लगे हैं. रांची के ग्रामीण एसपी सुमित अग्रवाल अफीम को नष्ट करने खुद ही अब घने जंगलों के बीच मोर्चा संभाले हुए नजर आ रहे हैं.
कई जगहों पर फसलों में उग आए फूल
रांची में 'ऑपरेशन अफीम' को सफल बनाने के लिए पुलिस दिन रात काम कर रही है. सैटेलाइट से मिले इमेज और लोकल इनपुट के आधार पर 1300 एकड़ से ज्यादा खेतों से अफीम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है. ग्रामीण एसपी ने बताया कि अफीम के खिलाफ अभियान लगातार जारी है. अब ऐसे इलाकों को भी टारगेट किया गया है, जो घने जंगलों में हैं. अब तक अफीम की खेती करने वाले 12 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है.
2000 एकड़ से ज्यादा खेती का अनुमान
राजधानी में अफीम तस्करों ने चोरी छिपे लगभग 2000 एकड़ की भूमि पर अफीम की फसल उगाई है. रांची पुलिस और स्पेशल ब्रांच के द्वारा मिले इनपुट के आधार पर रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा के नेतृत्व में अफीम की फसल को नष्ट करने के लिए जोरदार अभियान चलाया गया है. रांची पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि अब तक लगभग 1300 एकड़ में लगे अफीम की फसल को नष्ट कर दिया गया है. शेष बचे फसल को भी चिन्हित कर नष्ट करने का काम शुरू किया गया है.
ट्रैक्टर से लेकर जेसीबी तक लगाया गया
राजधानी रांची के अलावा खूंटी, हजारीबाग, लातेहार, पलामू और चतरा अफीम माफियाओं के लिए बेहद उपजाऊ जिले हुआ करते थे. नक्सलियों के सहयोग लेकर अफीम माफिया घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में एकड़ की एकड़ जमीन पर अफीम की फसल उगाते थे. इस साल भी झारखंड में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की गई है.
डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश के बाद इस बार पुलिस अफीम के तैयार होने का इंतजार नहीं कर रही है, बल्कि जेसीबी और ट्रैक्टर लेकर जंगलों में घुस चुकी है और जहां-जहां अफीम की फसल नजर आ रही है उसे नेस्तानाबूद कर दिया जा रहा है. पुलिस इतनी सजग हो गई है कि जहां उन्हें यह पता चल रहा है कि अफीम का बीज बोया गया है, उस खेत में भी ट्रैक्टर चलाकर उसे बर्बाद कर दिया जा रहा है. पुलिस की इस लगातार चल रही कार्रवाई से अफीम माफियाओं का अब तक करोड़ों का नुकसान हो चुका है.
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