हजारीबाग: अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए हजारीबाग पूरे राज्य में जाना जाता है. प्राकृतिक खूबसूरती के कारण यहां कई ऐसे पक्षी देखने को मिलते हैं, जो शायद ही कहीं और देखने को मिलते हों. यह पर्यावरण विविधता का भी बेजोड़ उदाहरण है. जिले का कैनरी पहाड़, जिसे कैनरी हिल के नाम से भी जाना जाता है. यहां की खूबसूरत वादियों में खूबसूरत पक्षी देखने को मिलते हैं. यह पूरा इलाका सुबह-शाम पक्षियों की आवाज से गूंजता रहता है. इन्हीं पक्षियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कैनरी बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया गया
इस फेस्टिवल में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और पर्यावरणविद जुटे. जहां लोगों ने इलाके को कैसे संरक्षित किया जाए, पक्षियों की सुरक्षा कैसे की जाए, पर्यावरण संरक्षण समेत अन्य विषयों पर चर्चा की. कार्यक्रम स्थल पर फोटो गैलरी भी लगाई गई थी. वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर के रूप में अपनी पहचान बना रहे हजारीबाग के चर्चित युवा अमित जैन ने फोटो गैलरी भी लगाई थी. 70 से अधिक प्रकार के पक्षियों की तस्वीरें लगाई गई थी. ये वो पक्षी हैं जो हजारीबाग जिले के विभिन्न इलाकों में देखे जाते हैं. यह भी आकर्षण का केंद्र रहे.
कार्यक्रम के दौरान नाट्य संगीत के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया गया. पूर्वी वन प्रमंडल के डीएफओ विकास कुमार उज्ज्वल ने कहा कि इस तरह के महोत्सव का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण से जोड़ना है. स्थानीय लोगों को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक करना चाहिए. साथ ही लोगों को वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के बारे में जानकारी दी जा सकती है. उनका कहना है कि छोटे शहरों में इस तरह के आयोजन बहुत कम होते हैं. बच्चों में बर्ड वॉचिंग के प्रति रुचि होती है, इसलिए उन्हें वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के जरिए करियर बनाने की जानकारी भी दी गई.
प्रसिद्ध पर्यावरणविद् मुरारी सिंह ने कहा कि कार्यक्रम स्थल का नाम भी कैनरी पक्षी के नाम पर रखा गया है. ऐसे में इसकी महत्ता को समझा जा सकता है. उनका कहना है कि ऐसी जगह पर कार्यक्रम आयोजित करने का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण से जोड़ना है. जब लोग किसी से जुड़ते हैं, तभी उनकी सुरक्षा भी होती है. इसी उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
हजारीबाग के जाने-माने वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर अमित जैन कहते हैं कि इस तरह के आयोजनों से ताकत मिलती है. लोग पर्यावरण को करीब से जान पाते हैं. हजारीबाग में पहली बार बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया गया है. इसमें बच्चों को पक्षियों के बारे में जानकारी दी जा रही है. इस तरह के आयोजन नियमित अंतराल पर जरूर होने चाहिए.
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