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कर्ज लेकर उगाई फूलगोभी, अब जानवरों को खिला रहे हैं! वजह जानकर चौंक जाएंगे - FARMERS IN JAMMU

जम्मू के अरनिया में फूलगोभी की इतनी बंपर पैदावार हुई है कि इसकी खुशबू से इलका सराबोर है मगर किसान दुखी हैं, क्यों.

cauliflower Low price
फूलगोभी की कीमत घटी. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 9, 2025, 3:26 PM IST

Updated : Feb 9, 2025, 4:15 PM IST

जम्मूः जम्मू के अरनिया में फूलगोभी की इतनी बंपर पैदावार हुई कि इसकी खुशबू दूर-दूर तक फैल रही है, मगर फिर भी इलाके के किसना मायूस हैं. वजह, उनकी फसल की कीमत नहीं मिल रही है. जो फसल कभी लाभदायक हुआ करती थी, वह अब घाटे का सौदा हो गयी है. किसान अपनी फसल को मवेशियों को खिलाने या उसे सड़ते हुए देखने के लिए मजबूर हैं. फूलगोभी की खेती की लागत भी नहीं निकल पा रही है.

क्या है परेशानीः कुछ सप्ताह पहले ही स्थानीय बाजारों में फूलगोभी की कीमत 10 रुपये प्रति किलोग्राम थी. सीमावर्ती आरएस पुरा उप-जिले में लोगों की आजीविका चलती थी. फूलगोभी की खेती करने वाले किसान निराश हैं क्योंकि फूलगोभी की कीमत आसमान से जमीन पर गिर गई. कई किसान गोभी को जानवरों को खिलाने के लिए मजबूर हैं क्योंकि उन्हें फसल की लागत भी नहीं मिल पाई है.

cauliflower Low price
जम्मू में फूलगोभी की खेती. (ETV Bharat)

किसानों की नींद उड़ीः अचानक आई मंदी के कारण किसानों की नींद उड़ गई है. जो गोभी कुछ दिन पहले बाजार में 10 रुपए किलो बिक रही थी, उसे अब 2 रुपए किलो खरीदने वाले ग्राहक ढूंढने पड़ रहे हैं. मौजूदा समय में गोभी बेचना घाटे का सौदा बन गया है. अरनिया के कई किसान गोभी की फसल काटकर जानवरों को खिलाने को मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि बाजार में गोभी 2 रुपए किलो बिक रही है, जिससे उनकी लागत भी नहीं निकल पाई है. इसलिए उन्हें ऐसा करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

cauliflower Low price
जम्मू में फूलगोभी की खेती. (ETV Bharat)

क्या कहते हैं किसानः गोभी की कीमतें गिरने से किसानों की मेहनत और निवेश बेकार हो गया है. नुकसान कम करने के लिए हताश कई लोगों ने अपनी फसल को समय से पहले काटना शुरू कर दिया है. अरनिया में तीसरी पीढ़ी के किसान जीत राज कहते हैं, "हमने इन फसलों को अपने बच्चों की तरह पाला है, लेकिन अब हम दुखी हैं. 2 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचने का मतलब है कि हम अपनी कमाई से ज़्यादा कटाई और परिवहन पर खर्च कर रहे हैं. इसे जानवरों को खिलाना अजीब लगता है, लेकिन हमारे पास क्या विकल्प है?"

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जम्मू में फूलगोभी की खेती. (ETV Bharat)

स्थानीय व्यापारी राजेश कुमार बताते हैं, "इस मौसम में आपूर्ति मांग से कहीं ज़्यादा है. व्यापारी खरीद नहीं रहे हैं और छोटे किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज बहुत महंगा है. कई किसानों ने फूलगोभी की खेती के लिए भारी कर्ज लिया, इस उम्मीद में कि इससे हमेशा मुनाफा होता है. अब, जब कोई सरकारी हस्तक्षेप नज़र नहीं आ रहा है, तो कर्ज के चक्रव्यूह का डर बड़ा हो गया है."

इसे भी पढ़ेंः उत्तराखंड में बर्बादी लाया मॉनसून, किसानों की टूटी कमर, पानी में डूबी 17,800 हेक्टेयर कृषि भूमि

जम्मूः जम्मू के अरनिया में फूलगोभी की इतनी बंपर पैदावार हुई कि इसकी खुशबू दूर-दूर तक फैल रही है, मगर फिर भी इलाके के किसना मायूस हैं. वजह, उनकी फसल की कीमत नहीं मिल रही है. जो फसल कभी लाभदायक हुआ करती थी, वह अब घाटे का सौदा हो गयी है. किसान अपनी फसल को मवेशियों को खिलाने या उसे सड़ते हुए देखने के लिए मजबूर हैं. फूलगोभी की खेती की लागत भी नहीं निकल पा रही है.

क्या है परेशानीः कुछ सप्ताह पहले ही स्थानीय बाजारों में फूलगोभी की कीमत 10 रुपये प्रति किलोग्राम थी. सीमावर्ती आरएस पुरा उप-जिले में लोगों की आजीविका चलती थी. फूलगोभी की खेती करने वाले किसान निराश हैं क्योंकि फूलगोभी की कीमत आसमान से जमीन पर गिर गई. कई किसान गोभी को जानवरों को खिलाने के लिए मजबूर हैं क्योंकि उन्हें फसल की लागत भी नहीं मिल पाई है.

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जम्मू में फूलगोभी की खेती. (ETV Bharat)

किसानों की नींद उड़ीः अचानक आई मंदी के कारण किसानों की नींद उड़ गई है. जो गोभी कुछ दिन पहले बाजार में 10 रुपए किलो बिक रही थी, उसे अब 2 रुपए किलो खरीदने वाले ग्राहक ढूंढने पड़ रहे हैं. मौजूदा समय में गोभी बेचना घाटे का सौदा बन गया है. अरनिया के कई किसान गोभी की फसल काटकर जानवरों को खिलाने को मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि बाजार में गोभी 2 रुपए किलो बिक रही है, जिससे उनकी लागत भी नहीं निकल पाई है. इसलिए उन्हें ऐसा करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

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जम्मू में फूलगोभी की खेती. (ETV Bharat)

क्या कहते हैं किसानः गोभी की कीमतें गिरने से किसानों की मेहनत और निवेश बेकार हो गया है. नुकसान कम करने के लिए हताश कई लोगों ने अपनी फसल को समय से पहले काटना शुरू कर दिया है. अरनिया में तीसरी पीढ़ी के किसान जीत राज कहते हैं, "हमने इन फसलों को अपने बच्चों की तरह पाला है, लेकिन अब हम दुखी हैं. 2 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचने का मतलब है कि हम अपनी कमाई से ज़्यादा कटाई और परिवहन पर खर्च कर रहे हैं. इसे जानवरों को खिलाना अजीब लगता है, लेकिन हमारे पास क्या विकल्प है?"

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जम्मू में फूलगोभी की खेती. (ETV Bharat)

स्थानीय व्यापारी राजेश कुमार बताते हैं, "इस मौसम में आपूर्ति मांग से कहीं ज़्यादा है. व्यापारी खरीद नहीं रहे हैं और छोटे किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज बहुत महंगा है. कई किसानों ने फूलगोभी की खेती के लिए भारी कर्ज लिया, इस उम्मीद में कि इससे हमेशा मुनाफा होता है. अब, जब कोई सरकारी हस्तक्षेप नज़र नहीं आ रहा है, तो कर्ज के चक्रव्यूह का डर बड़ा हो गया है."

इसे भी पढ़ेंः उत्तराखंड में बर्बादी लाया मॉनसून, किसानों की टूटी कमर, पानी में डूबी 17,800 हेक्टेयर कृषि भूमि

Last Updated : Feb 9, 2025, 4:15 PM IST
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