राजगढ़ :प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है "मध्य प्रदेश में भाजपा के कुशासन में मासूम जनता की जान की कोई कीमत नहीं, और यह भाजपा के विधायक खुद मान रहे हैं. पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा वेंटिलेटर पर चल रही हैं और स्वास्थ्य मंत्री आंखें बंद करके इस भयावह स्थिति को नज़रअंदाज कर रहे हैं. इससे ज़्यादा मध्य प्रदेश के लिए शर्मनाक क्या हो सकता है."
पटवारी बोले- बीजेपी विधायक ने ही सरकार को दिखाया आईना
जीतू पटवारी ने राजगढ़ में प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में राजगढ़ के भाजपा विधायक अमर सिंह यादव द्वारा जिला प्रशासन के साथ ही जिला अस्पताल प्रबंधन पर लगाए गए गंभीर आरोपों का जिक्र किया. पटवारी ने इस मीटिंग का वीडियो अपने X एकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा "मोहन सरकार की बदइंतजामियों की कलई बीजेपी विधायक ने खोलकर रख दी है. राजगढ़ अस्पताल में प्रसूति के लिए रुपये मांगे जाते हैं. शराब पीकर डॉक्टर इलाज करते हैं, मरीज मर जाते हैं, मगर कार्रवाई नहीं होती! उल्टा विरोध करने वालों को परेशान किया जाता है. मोहन सरकार में लोगों की जान की कीमत शून्य हो चुकी है और बदइंतजामियों पर कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है."
राजगढ़ में समीक्षा बैठक के दौरान बीजेपी विधायक भड़के (ETV BHARAT) राजगढ़ विधायक ने प्रभारी मंत्री के सामने सुनाई व्यथा (ETV BHARAT) समीक्षा बैठक के दौरान बीजेपी विधायक भड़के
दरअसल, राजगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री चैतन्य कश्यप गुरुवार को राजगढ़ जिले के प्रवास पर रहे, जहां उन्होंने शासकीय विभागों की बैठक में भाग लिया और भाजपा के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं की समस्याएं भी सुनी. राजगढ़ जिला पंचायत के सभागार में आयोजित विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान राजगढ़ विधायक अमर सिंह यादव ने जिला अस्पताल में पदस्थ एक चिकित्सक के विरुद्ध शिकायती आवेदन व संबंधित को राजगढ़ से हटाने और निलंबित करने की मांग की. इस दौरान विधायक के तेवर देखकर पूरे सभागार में सन्नाटा छा गया.
राजगढ़ विधायक ने प्रभारी मंत्री के सामने सुनाई व्यथा
राजगढ़ विधायक अमर सिंह यादव ने बैठक में कहा "दारू के नशे में डॉक्टर द्वारा एक नहीं बल्कि दो लोग मौत का शिकार हुए हैं. आज तक उसका कुछ नहीं बिगड़ा. हमारे लोगो ने ऐसे डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की तो पुलिस ने डंडे बरसाए. इसके एक दिन पूर्व कुछ लोगों ने डॉक्टर से दुर्व्यवहार किया तो उन्हें पुलिस ने मुर्गा बना दिया और उनका जुलूस निकाला गया, ये कैसा प्रशासन है. मैं शर्मिंदा हूं सर. ये कौन सी दादागिरी है साहब."