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पीथमपुर पर NGT सदस्य का माफीनामा, अफरोज अहमद बोले- 'मुझे कुछ नहीं पता, मैं माफी चाहता हूं' - BHOPAL GAS TREGEDY WASTE

इंदौर में प्रदूषण नियंत्रण पर समीक्षा बैठक हुई. एनजीटी सदस्य डॉ. अफरोज अहमद ने पीथमपुर में कचरा जलाने के मामले पर बोलने के इंकार किया.

BHOPAL GAS TREGEDY WASTE
यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में जलाया जाएगा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 3, 2025, 5:11 PM IST

इंदौर: प्रदेश भर में जहां यूनियन कार्बाइड और पीथमपुर के कचरे को लेकर बवाल मचा हुआ है. वहीं, देश में प्रदूषण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस मसले पर चुप्पी साध रखी है. इंदौर में एनजीटी के प्रतिनिधि सभा के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद से जब कचरे से प्रदूषण के हालात पर चर्चा का प्रयास किया गया, तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार करते हुए माफी मांग ली.

अफरोज अहमद ने पीथमपुर पर बोलने से किया इंकार

दरअसल, शुक्रवार को एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की अध्यक्षता में इंदौर में प्रदूषण नियंत्रण पर समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. बैठक के बाद जब उनसे पूछा गया कि इंदौर के पर्यावरण प्रयासों पर तब धक्का लगता है, जब यूनियन कार्बाइड जैसे संयंत्रों का दूषित कचरा यहां लाकर जलाया जाता है, इस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोई पहल क्यों नहीं करती? इस पर अफरोज अहमद ने कहा "एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच में सदस्य के नाते एक जज की भूमिका में हूं. ऐसे मामलों में कुछ भी कहना मेरी लिमिटेशन है."

अफरोज अहमद ने पीथमपुर मामले पर बोलने से इंकार किया (ETV Bharat)

इंदौर के जिला प्लान में नहीं है पीथमपुर

अफरोज अहमद ने आगे कहा "इंदौर के जिला प्लान में पीथमपुर शामिल नहीं है. लिहाजा जज के हिसाब से कहां क्या हो रहा है, मुझे इसकी जानकारी भी नहीं है. इसलिए इस मामले में कुछ भी नहीं कह पाने के लिए क्षमा चाहता हूं." हालांकि समीक्षा बैठक के दौरान बैठक को संबोधित करते हुए डॉ अफरोज अहमद ने कहा कि "एनजीटी के निर्देशों के पालन करने में इंदौर देश का मॉडल शहर है. इंदौर में मेट्रो लाइन तथा इसकी संरचना के आसपास वाटर रिचार्जिंग के कार्य किया जाना सराहनीय है."

उन्होंने कहा कि "नई बसने वाली कॉलोनी में निर्धारित मानदंडों के अनुरूप अनिवार्य रूप से ग्रीन क्षेत्र विकसित कराया जाए. इंदौर में हो रहे अच्छे कार्यों का दस्तावेजीकरण भी हो, जिससे कि अन्य जिलों के लिए एक नई राह मिले." मीटिंग में बताया गया कि गांधीनगर से रोबोट चौराहा तक मेट्रो रेल लाइन पर कुल 298 वाटर हार्वेस्टिंग व ग्राउंड वाटर रिचार्ज पिट के कार्य कराए गए हैं.

इंदौर के पर्यावरण संबंधी विकास कार्यों की दी गई जानकारी

बैठक में जानकारी दी गई कि इंदौर शहर में 27 तालाबों के गहरीकरण और नदी व तालाबों के जल आवक वाले कैचमेंट क्षेत्र की सफाई का कार्य भी जन भागीदारी के माध्यम से किया जा रहा है. इंदौर शहर में वर्षा के जल को सहेजने के लिए लगभग 300 रिचार्ज सॉफ्ट बनाए जा रहे हैं. बीते साल जिले में लगभग 8500 घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य भी किया गया.

बैठक में क्षिप्रा और कान्ह नदी किनारे के गांवों में घरेलू तरल अपशिष्ट प्रबंधन की कार्य योजना के संबंध में भी जानकारी दी गई. जिले में 51 लाख वृक्षारोपण का कार्य वृहत स्तर पर करने के लिए कार्य योजना बनाई गई है. इसके लिए व्यापक तैयारियां की जा रही है.

इंदौर: प्रदेश भर में जहां यूनियन कार्बाइड और पीथमपुर के कचरे को लेकर बवाल मचा हुआ है. वहीं, देश में प्रदूषण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस मसले पर चुप्पी साध रखी है. इंदौर में एनजीटी के प्रतिनिधि सभा के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद से जब कचरे से प्रदूषण के हालात पर चर्चा का प्रयास किया गया, तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार करते हुए माफी मांग ली.

अफरोज अहमद ने पीथमपुर पर बोलने से किया इंकार

दरअसल, शुक्रवार को एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की अध्यक्षता में इंदौर में प्रदूषण नियंत्रण पर समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. बैठक के बाद जब उनसे पूछा गया कि इंदौर के पर्यावरण प्रयासों पर तब धक्का लगता है, जब यूनियन कार्बाइड जैसे संयंत्रों का दूषित कचरा यहां लाकर जलाया जाता है, इस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोई पहल क्यों नहीं करती? इस पर अफरोज अहमद ने कहा "एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच में सदस्य के नाते एक जज की भूमिका में हूं. ऐसे मामलों में कुछ भी कहना मेरी लिमिटेशन है."

अफरोज अहमद ने पीथमपुर मामले पर बोलने से इंकार किया (ETV Bharat)

इंदौर के जिला प्लान में नहीं है पीथमपुर

अफरोज अहमद ने आगे कहा "इंदौर के जिला प्लान में पीथमपुर शामिल नहीं है. लिहाजा जज के हिसाब से कहां क्या हो रहा है, मुझे इसकी जानकारी भी नहीं है. इसलिए इस मामले में कुछ भी नहीं कह पाने के लिए क्षमा चाहता हूं." हालांकि समीक्षा बैठक के दौरान बैठक को संबोधित करते हुए डॉ अफरोज अहमद ने कहा कि "एनजीटी के निर्देशों के पालन करने में इंदौर देश का मॉडल शहर है. इंदौर में मेट्रो लाइन तथा इसकी संरचना के आसपास वाटर रिचार्जिंग के कार्य किया जाना सराहनीय है."

उन्होंने कहा कि "नई बसने वाली कॉलोनी में निर्धारित मानदंडों के अनुरूप अनिवार्य रूप से ग्रीन क्षेत्र विकसित कराया जाए. इंदौर में हो रहे अच्छे कार्यों का दस्तावेजीकरण भी हो, जिससे कि अन्य जिलों के लिए एक नई राह मिले." मीटिंग में बताया गया कि गांधीनगर से रोबोट चौराहा तक मेट्रो रेल लाइन पर कुल 298 वाटर हार्वेस्टिंग व ग्राउंड वाटर रिचार्ज पिट के कार्य कराए गए हैं.

इंदौर के पर्यावरण संबंधी विकास कार्यों की दी गई जानकारी

बैठक में जानकारी दी गई कि इंदौर शहर में 27 तालाबों के गहरीकरण और नदी व तालाबों के जल आवक वाले कैचमेंट क्षेत्र की सफाई का कार्य भी जन भागीदारी के माध्यम से किया जा रहा है. इंदौर शहर में वर्षा के जल को सहेजने के लिए लगभग 300 रिचार्ज सॉफ्ट बनाए जा रहे हैं. बीते साल जिले में लगभग 8500 घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य भी किया गया.

बैठक में क्षिप्रा और कान्ह नदी किनारे के गांवों में घरेलू तरल अपशिष्ट प्रबंधन की कार्य योजना के संबंध में भी जानकारी दी गई. जिले में 51 लाख वृक्षारोपण का कार्य वृहत स्तर पर करने के लिए कार्य योजना बनाई गई है. इसके लिए व्यापक तैयारियां की जा रही है.

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