भोपाल: ठंड के मौसम में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए भोपाल जिला प्रशासन ने शहर के होटलों और ढाबों पर तंदूर जलाने से मना किया है. आदेश का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई करते हुए चालान भी वसूला जा रहा है. अब इस कार्रवाई से बचने के लिए होटल और ढाबा संचालकों ने तंदूर का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है. जिससे शहरवासियों को खाने के लिए तंदूरी रोटी नहीं मिल रही है. ये रोक सिर्फ होटल या ढाबे के लिए नहीं, बल्कि शादी समारोह और अन्य कार्यक्रमों में तंदूर जलाने पर पाबंदी है.
तंदूर जलाने पर स्पाट फाईन की कार्रवाई
बता दें कि भोपाल के होटल और ढाबों में तंदूरी रोटी मिलना बंद हो गई है. यदि कोई तंदूर का इस्तेमाल करते पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ स्पॉट फाइन की कार्रवाई की जाती है. गौरतलब है कि, शहर में शादियों का सीजन शुरू हो चुका है, लेकिन, तंदूर पर रोक होने के चलते इस बार मेहमाननवाजी में तंदूरी खाना नहीं मिल रहा है.
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जिनके घर में शादी है, उनका कहना है कि एयर पॉल्यूशन के चलते अगर रोक लगाई गई है, तो हम तंदूर का इस्तेमाल नहीं करेंगे, लेकिन, सिर्फ तंदूर और अलाव से ही शहर में प्रदूषण नहीं बढ़ रहा. शहर की सड़कों पर धूल उड़ती रहती है, बिना पीयूसी के चल रहे वाहन भी पॉल्यूशन का बड़ा कारण है. इन पर भी रोक लगाई जानी चाहिए.
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अब तक 300 लोगों के खिलाफ कार्रवाई
नगर निगम भोपाल के अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि "एक महीने पहले संभागायुक्त ने बैठक में शहर के होटल और ढाबों पर चल रहे तंदूर पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए शहर में तंदूर, भट्टी, अलाव व कचरा जलाने पर पाबंदी लगाई गई थी. नगर निगम की टीम प्रतिदिन होटल-ढाबों की सघन चेकिंग कर रही है. यदि कोई तंदूर का इस्तेमाल करते पाया जाता है, तो उससे स्पॉट फाईन वसूला जा रहा है.
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बीते एक महीने में तंदूर का इस्तेमाल करने वाले ऐसे 300 से अधिक लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है. इस असर ये रहा कि शहर के अधिकतर होटल और ढाबा संचालकों ने लकड़ी या कोयले से जलने वाले तंदूर का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है. हालांकि इसकी जगह लोग गैस या इलेक्ट्रिक तंदूर का इस्तेमाल कर सकते हैं.