जैसलमेर: पूरा देश दीपावली की खुशियों में डूबा है और अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ इस त्योहार का आंनन्द उठा रहा है. वहीं भारत-पाक सीमा पर जांबाज जवानों की दिवाली सीमा पर ही मन रही है. सुनने में बुरा जरूर लगता है क्योंकि सबको हक है अपने परिवार के साथ रहकर त्योहारों की खुशियां मनाने का. लेकिन बीएसएफ के इन जवानों का मानना है कि उनके लिये उनके खुद के परिवार से ज्यादा जरूरी देश है.
बीएसएफ जवानों ने बॉर्डर पर मनाई दीवाली (ETV Bharat Jaisalmer) अपने परिवारों से दूर दिवाली मना रहे इन जवानों के बीच जब हमारा कैमरा पहुंचा, तो उनकी खुशियां और अधिक बढ़ गई. उन्हें लगा कि दूर से ही सही अब उनका परिवार ये देख कर तो खुश हो सकेगा कि हम सीमा पर परिवारों से दूर तो हैं लेकिन दुखी नहीं. पाकिस्तान से सटी जैसलमेर जिले की अंतरराष्ट्रीय सरहद पर सीमा सुरक्षा बल के जवान चौकस निगाहें रखते हुए दिवाली मना रहे हैं.
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भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर की सरहद पर बॉर्डर पर बहादुर बेटियों ने भी अपनी दिवाली सीमा की सुरक्षा करते हुए मनाई. कंधे पर बंदूक रखे दुश्मन पर चौकन्नी नजर के साथ सरहद की रखवाली करते हुए बेटियों को देखकर हर किसी देशवासी का सीना गर्व से फूल जाए. जवानों ने बॉर्डर पर दीए जलाए और एक-दूसरे को मिठाई बांट कर दिवाली की शुभकामनांए दी. जवानों ने कहा कि हम बॉर्डर पर मुश्तैदी के डटे रहते हैं ताकि देश की जनता आराम से सुख शांति से दिवाली मनाए.
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उन्होंने कहा कि बॉर्डर ही हमारा घर है और हम सारे जवान मिल कर यहीं दिवाली मनाते हैं. दिवाली मनाने के साथ हम भी अपनी ड्यूटी भी मुश्तैदी से करते हैं. ताकि देश के सभी लोग सुरक्षित रहें. सीमा सुरक्षा बल द्वारा सरहद की चौकसी पर तैनात बेटियों की पहली दीवाली होने के कारण सरहद पर अनूठा नजारा देखने को मिला. जहां एक ओर समूचे भारत वर्ष में बेटियों ने अपने परिवार के साथ दीवाली मनाई. वहीं सरहद पर बेटियों ने देश की रक्षा के लिए सीमाओं पर दीप जलाए. सरहद पर सीमा सुरक्षा बल की महिला जवानों की विंग ने सीमा चौकियों पर दीप जलाकर जमकर आतिशबाजी भी की.
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पाक-सीमा से सटे सरहदी चौकियों में दीपावली पर्व को लेकर अलग ही माहौल देखने को मिल रहा है. सीमा पर तैनात ये जवान अपने देश, गांव और परिवार को दिवाली की बधाई दे रहे हैं. ताकि हम लोग महफूज दिवाली मना सकें. जवानों का कहना है कि भारत-पाकिस्तान में लगातार बिगड़ रहे रिश्तों के बीच दुश्मन देश पर बिल्कुल यकीन नहीं किया जा सकता है. लिहाजा सीमा पर लगे जवान एक मिनट के लिए भी सीमा की पहरेदारी नहीं छोड़ सकते हैं. महिला जवानों का कहना है कि घर की याद तो आती है, लेकिन हमारे लिए सबसे बड़ी बात है कि देश के लोग दिवाली मनाएं और हमारी पहरेदारी से वो महफूज रहें. इससे बड़ी दिवाली नहीं हो सकती है.
देश में दिवाली का मनाई जा रही है. यह जश्न शान्ति और खुशी से मनाया जा सके, इसलिए कुछ बेटे अपने घरों को लौटे नहीं हैं. सरहद को ही उन्होंने अपना घर बना लिया है. जहां से दुश्मन देश गोलियों की बौछार करता है, आज उसी सरहद पर जवान खुशी के दीपक जला रहे हैं. बॉर्डर पर देश के जवानों ने हर साल की भांति इस साल भी दीपक जलाए. देश की सीमा को बांटने वाले तारों पर मोमबत्ती जलाकर शांति और रोशनी का पर्व मनाया. यह वही बॉर्डर है जहां से न जाने कब दुश्मन गोली बरसाने लगे और उसकी गोली पर भारतीय जवान का नाम लिख जाए.