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J&K विधानसभा चुनाव में JDU उम्मीदवारों की जमानत जब्त, राष्ट्रीय पार्टी बनने की इंतजार हुई लंबी - JAMMU AND KASHMIR ASSEMBLY ELECTION

नीतीश कुमार को जम्मू कश्मीर में बड़ा झटका लगा है. उनकी पार्टी के तीनों उम्मीदवार चुनाव हार गये. वोटिंग प्रतिशत नोटा से भी कम रहा.

J&K विधानसभा चुनाव
J&K विधानसभा चुनाव (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 9, 2024, 6:50 PM IST

Updated : Oct 9, 2024, 7:07 PM IST

पटना: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए लगातार जद्दोजहद कर रही है. इसी महत्वाकांक्षा के तहत पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया था. पहले तो छह सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी, लेकिन आखिरकार 3 सीटों पर ही चुनाव लड़ी. लेकिन, परिणाम बेहद निराशाजनक रहा. जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार जमानत भी नहीं बचा सके. जदयू का कुल वोट प्रतिशत नोटा से भी कम रहा.

पहले भी लगा झटका: नीतीश कुमार की पार्टी इससे पहले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, झारखंड, कर्नाटक, नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल सहित कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में अपने पार्टी के उम्मीदवार को चुनाव लड़ा चुके हैं. 2023 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 9 उम्मीदवार उतारे थे जिसमें से JDU के पांच उम्मीदवारों को 21, 25, 26, 45, 71 वोट मिले थे. 2022 में उत्तर प्रदेश में जदयू ने 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, 19 की जमानत जब्त हो गई थी.

J&K विधानसभा चुनाव का वोटिंग प्रतिशत. (ECI)

राष्ट्रीय पार्टी के दर्जा से कितना दूरः पश्चिम बंगाल में भी जदयू के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. 2019 में जदयू ने झारखंड में 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, किसी की जीत नहीं हुई. मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश को छोड़ दें तो सभी बड़े प्रदेशों में जदयू को अब तक झटका ही लगा है. बिहार के अलावा अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में जदयू को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. ऐसे में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए एक राज्य में और राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिलना जरूरी है.

जम्मू में जदयू नेता. (ETV Bharat)

जदयू ने तीन उम्मीदवार उतारेः विधानसभा क्षेत्रों के नए परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में 90 सीटों पर वोट डाले गये थे. कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष जीएम शाहीन ने फोन पर बताया कि कश्मीर के डीएच पूरा, अनंतनाग पश्चिमी, वगुरा खीरी में चुनाव लड़े थे. अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा. तीनों उम्मीदवारों की हार हुई. वागूरा-क्रेरी में जदयू उम्मीदवार रेहाना बेगम को 2587 वोट मिले. अनंतनाग पश्चिमी में जदयू उम्मीदवार गुल मोहम्मद भट को 1546 वोट और डीएच पोरा से मोहम्मद अयूब मट्टू को 2620 वोट मिले.

"1996 में जनता दल के आठ विधायक जम्मू-कश्मीर में थे. 2001 के बाद से जदयू वहां चुनाव नहीं लड़ी. 23 सालों बाद जदयू जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ी. हम लोगों ने कोशिश की थी. आगे और मजबूती के साथ जम्मू कश्मीर में काम करेंगे और पार्टी को मजबूत करेंगे."- जीएम शाहीन, जदयू प्रदेश अध्यक्ष

ETV GFX (ETV Bharat)

जदयू का वोट प्रतिशत नोटा से भी कमःइस चुनाव में मतदाताओं ने कई पार्टियों से ज्यादा नोटा पर भरोसा जताया. करीब 84,397 लोगों ने नोटा का बटन दबाया. नोटा का वोट शेयर 1.48 प्रतिशत रहा. वहीं नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को केवल 0.13 प्रतिशत ही मिला है. न सिर्फ जदयू बल्कि आम आदमी पार्टी और बसपा जैसी पार्टियां भी नोटा से पीछे रह गईं. बाकी पार्टियों के वोट शेयर की बात करें तो INC का 11.97, JKN का 23.43, JKPDP का 8.87, SP का 0.14 रहा.

डीएच पोरा का रिजल्ट. (ECI)

राष्ट्रीय दर्जा दिलाने की कवायदः नीतीश कुमार, बिहार में 17-18 सालों से मुख्यमंत्री हैं. जदयू के बाद कई पार्टियों देश में बनीं, इसमें आप भी है और उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया. नीतीश कुमार को लगता है राष्ट्रीय पार्टी का जो सपना उनका है, उसमें पीछे रह गए. इसलिए जिस राज्य में चुनाव होता है, जदयू भाग्य आजमाता है. झारखंड में भी चुनाव लड़ने की तैयारी है. नीतीश कुमार की कोशिश है कि किसी तरह जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाए जाए. इसलिए, झारखंड में बीजेपी से तालमेल के लिए प्रयासरत हैं.

"जम्मू कश्मीर में नीतीश कुमार की पार्टी का कोई जनाधार नहीं था. सिर्फ दिखाने के लिए चुनाव लड़ रहे थे. ऐसे नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में नहीं गए थे. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान को नीतीश कुमार ने जरूर भेजा था, यह चुनाव सिर्फ खानापूर्ति ही कही जा सकती है."- प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विश्लेषक

वागूरा-क्रेरी का रिजल्ट. (ECI)

अब झारखंड पर जदयू की नजर: बिहार में पिछले दो दशक से जदयू सत्ता में है. बिहार के अलावा पड़ोसी राज्यों में भी जदयू अपना जन आधार खड़ा नहीं कर सका. हालांकि मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में जदयू ने अच्छा प्रदर्शन जरूर किया है. उन दोनों राज्यों में जदयू को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा भी मिल गया है. राष्ट्रीय पार्टी के दर्जा के लिए एक राज्य में जदयू को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा पाना जरूरी है. फिलहाल जम्मू कश्मीर में नीतीश कुमार को झटका लगा है, अब झारखंड पर जदयू की नजर है.

अनंतनाग पश्चिमी का रिजल्ट. (ECI)

राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए अहर्ताःकिसी भी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिएभारत निर्वाचन आयोग ने तीन अहर्ता रखी है. तीनों में से यदि कोई पार्टी एक भी अहर्ता को पूरा करती है, तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा आयोग देता है. इसमें पहला है, 3 राज्यों के लोकसभा चुनाव में 2 फीसदी सीटें जीतना. दूसरे, 4 लोकसभा सीटों के अलावे किसी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 6 फीसदी वोट प्राप्त करना और तीसरे, 4 या अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना.

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Last Updated : Oct 9, 2024, 7:07 PM IST

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