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हथुआ राज से जुड़ा है गोपालगंज का बालखण्डेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास, महाशिवरात्रि पर उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़

Mahashivratri 2024: बिहार के गोपालगंज में महाशिवरात्रि के मौके पर बालखण्डेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है. दो वर्ष पुरानी इस मंदिर का इतिहास हथुआ राज से जुड़ा है. पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 8, 2024, 6:10 PM IST

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में महाशिवरात्रि के मौके पर बालखण्डेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान हर हर महादेव के जयकारों से पूरा महौल गुंजायमान हो उठा. प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिले के विभिन्न शिवालयों में लोगो की भीड़ सुबह से ही देखने को मिल रही है. हर कोई इस पावन अवसर पर भगवान भोले नाथ को जलभिषेक और दुग्धाभिषेक कर भगवान भोले नाथ को प्रसन्न करने में जुटे रहे हैं.

महाशिवरात्रि पर जलाभिषेकः प्राचीन शिव मन्दिर बालखण्डेश्वर महादेव के दरबार में लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी. महाशिवरात्रि को लेकर एक दिन पूर्व से ही इसकी तैयारी आरंभ कर दी थी. शिवमंदिर में सुबह चार बजे से ही भक्त पहुंच गए थे. सुबह सात बजे तक मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ जुट गई थी. मंदिर परिसर में भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन के द्वारा जवानों की तैनाती की गई.

गोपालगंज का बालखण्डेश्वर महादेव मंदिर

दो सौ वर्षों का है इतिहास: कहा जाता है कि जनता सिनेमा रोड स्थित बालखण्डेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. ऐसी मान्यता है कि दो सौ वर्ष पहले जब हथुआ राज का राज हुआ करता था. गोपालगंज शहर के बीचों बीच जहां बाल खंडेश्वर महादेव का मंदिर है, उस स्थान पर हथुआ राज की छावनी हुआ करती थी. इसी छावनी में कुछ सैनिक भी रहते थे.

गोपालगंज का बालखण्डेश्वर महादेव मंदिर

खेत जोतने में मिला शिवलिंगः सैनिको द्वारा खेती करने के उद्देश्वय से जब खेत की जोताई की तो तभी हल द्वारा खेत से एक शिव लिंग निकला. हल से शिवलिंग को थोड़ी सी क्षति भी पहुंची थी. स्थानीय लोग व सैनिकों द्वारा खंडित शिवलिंग को वहीं स्थापित कर एक छोटा सा स्थान दे दिया गया. पूजा-अर्चना करना शुरू कर दिए. धीरे-धीरे जैसे-जैसे बात दूर दूर तक पहुंची लोग पूजा करने के लिए पहुंचने लगे. इसके बाद यहां मंदिर का निर्माण किया गया. मान्यता है कि यहां सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से मन की मुराद पूरी होती है.

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